Chapter 2: भारतीय अर्थव्यवस्था के क्षेत्र

Economics - Hindi • Class 10

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Chapter Analysis

Intermediate6 pages • Hindi

Quick Summary

यह अध्याय भारतीय अर्थव्यवस्था के तीन प्रमुख क्षेत्रों - प्राथमिक, द्वितीयक, और तृतीयक - पर केंद्रित है। यह ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के बीच के संबंधों को समझाता है, विशेषकर श्रमिकों की सुरक्षा, रोजगार, और आर्थिक विकास के संदर्भ में। इसके अलावा, यह सार्वजनिक और निजी क्षेत्रों की भूमिकाओं और उनके प्रभाव की चर्चा करता है।

Key Topics

  • प्राथमिक, द्वितीयक, और तृतीयक क्षेत्र
  • सार्वजनिक और निजी क्षेत्र
  • श्रमिकों की सुरक्षा और रोजगार
  • आर्थिक विकास के लिए रोजगार अवसर
  • शहरी और ग्रामीण विकास
  • जनसंख्या और रोजगार
  • जी.डी.पी. में योगदान
  • सामाजिक और आर्थिक कल्याण

Learning Objectives

  • विभिन्न आर्थिक क्षेत्रों की समझ विकसित करना
  • अर्थव्यवस्था में श्रमिक सुरक्षा का महत्व समझना
  • विभिन्न क्षेत्रों के बीच संबंधों का विश्लेषण करना
  • सार्वजनिक और निजी क्षेत्र की भूमिकाएं सीखना
  • जी.डी.पी. का योगदान मापना
  • ग्रामीण और शहरी आर्थिक गतिविधियों में संतुलन बनाना

Questions in Chapter

विभिन्न क्षेत्रों में काम करने वाले श्रमिकों की सुरक्षा और स्वास्थ्य की आवश्यकता क्यों होती है?

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जनसंख्या की बढ़ती संख्या के कारण शहरी क्षेत्रों में स्थानान्तरण कैसे होता है?

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जी.डी.पी. में प्राथमिक, द्वितीयक, और तृतीयक क्षेत्रों की भागीदारी की गणना करें।

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Additional Practice Questions

भारत में रोजगार के तीन क्षेत्रों का महत्व क्या है?

medium

Answer: प्राथमिक क्षेत्र कृषि पर आधारित है, द्वितीयक क्षेत्र उद्योगों पर, और तृतीयक क्षेत्र सेवाओं पर। यह बहु-आयामी विकास में योगदान करते हैं।

विश्लेषण करें कि भारतीय अर्थव्यवस्था में तृतीयक क्षेत्र का योगदान क्यों बढ़ा है।

medium

Answer: तृतीयक क्षेत्र का योगदान बढ़ने का मुख्य कारण है सेवाओं की बढ़ती मांग जैसे कि शिक्षा, स्वास्थ्य, और वित्तीय सेवाएं।

क्या आप मानते हैं कि द्वितीयक क्षेत्र का महत्व घट रहा है?

hard

Answer: द्वितीयक क्षेत्र अभी भी महत्वपूर्ण है क्योंकि यह विनिर्माण रोजगार और औद्योगिक विकास में योगदान देता है।

भारत की अर्थव्यवस्था में सार्वजनिक और निजी क्षेत्र की तुलना कैसे की जा सकती है?

hard

Answer: सार्वजनिक क्षेत्र का मुख्य ध्यान सामाजिक कल्याण पर होता है जबकि निजी क्षेत्र लाभ और दक्षता पर केंद्रित होता है।

ग्राम और नगरीय आर्थिक गतिविधियों के मध्य संतुलन कैसे साधा जा सकता है?

medium

Answer: सरकारी नीतियों और वित्तीय सहायता के माध्यम से इन क्षेत्रों के बीच संतुलन साधा जा सकता है।