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Chapter Analysis
Intermediate7 pages • HindiQuick Summary
साखी कबीर के दोहों का संग्रह है, जहाँ वे आत्मज्ञान, भक्ति, और समाज सुधार के विषयों पर दृष्टांत प्रस्तुत करते हैं। ये दोहे कबीर के अनुभवजन्य ज्ञान को दर्शाते हैं और उनकी भाषा सरल तथा प्रभावशाली है। कबीर ने धार्मिक भ्रांतियों और सामाजिक कुरीतियों पर तीखा प्रहार करते हुए आत्मानुभूति की महत्ता पर बल दिया है।
Key Topics
- •आत्मज्ञान
- •भक्ति
- •समाज सुधार
- •धार्मिक भ्रांतियाँ
- •आत्मानुभूति
- •कबीर की भाषा
Learning Objectives
- ✓छात्र कबीर के दोहों के माध्यम से आत्मज्ञान का महत्व समझेंगे।
- ✓वे भक्ति मार्ग और उसके लाभों को जानेंगे।
- ✓धार्मिक भ्रांतियों के विषय में जानकारी प्राप्त करेंगे।
- ✓समाज सुधार में कबीर के योगदान का विश्लेषण करेंगे।
Questions in Chapter
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Additional Practice Questions
कबीर के दोहों में समाज सुधार का क्या महत्व है?
mediumAnswer: कबीर के दोहे सामाजिक कुरीतियों पर तीखा प्रहार करते हैं और समाज में व्याप्त अंधविश्वासों को दूर करने का प्रयास करते हैं। उनकी दृष्टि में आत्मज्ञान और भक्ति ही सामाजिक सुधार का मार्ग है।
विश्वास और ज्ञान के महत्व पर कबीर का क्या दृष्टिकोण है?
mediumAnswer: कबीर का विश्वास और ज्ञान पर दृष्टिकोण यह है कि उन्होंने व्यक्तिगत अनुभव और आत्मानुभूति को सर्वोपरि माना है। उन्होंने कहा है कि वास्तविक ज्ञान आत्मा और परमात्मा के मिलन में है।