Chapter 12: अशद्धिसंशोधनम्

Sanskrit - Abhyaswaan Bhav • Class 10

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Chapter Analysis

Intermediate4 pages • Hindi

Quick Summary

अशुद्धिसंशोधनम् अध्याय में संस्कृत शिक्षण में सामान्य त्रुटियों का सुधार सिखाया गया है। इस अध्याय में व्याकरण और रचनात्मक लेखन की अशुद्धियों के उदाहरणों के साथ उनका सही संशोधन प्रस्तुत किया गया है। इसमें छात्रों को सही वाक्यों के निर्माण की दिशा में प्रशिक्षित किया जाता है।

Key Topics

  • अशुद्ध वाक्य के उदाहरण
  • वाक्य संशोधन
  • व्याकरणिक त्रुटियाँ
  • संस्कृत व्याकरण के नियम
  • विभक्ति और संधि
  • वचन और पुरुष

Learning Objectives

  • छात्र व्यवस्थित रूप से अशुद्धियों को पहचान सकें और उन्हें संशोधित कर सकें।
  • संस्कृत व्याकरण के मूलभूत सिद्धांतों की समझ विकसित करना।
  • विभिन्न भाषा भावों में विभक्ति और संधि का उचित उपयोग।
  • शुद्ध और अशुद्ध वाक्यों के मध्य अंतर करना।

Questions in Chapter

अधोठिठ िताठन वाकयाठन शुद्ाठन कुरुत — (i) र्यं तचत्ं शियतन्त।

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अधोठिठ िताठन वाकयाठन शुद्ाठन कुरुत — (ii) भर्ान ि्भोजनं खाद।

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अधोठिठ िताठन वाकयाठन शुद्ाठन कुरुत — (iii) तर्ं िाठं समरतु।

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Additional Practice Questions

संस्कृत में सामान्य अशुद्धियों का एक उदाहरण दीजिए और इसे सही करिए।

medium

Answer: उदाहरण: अशुद्ध वाक्य — 'तमु सब िसुतक िडरो'। सही: 'यंू िसुतकम् िढयंू'।

संधि-विच्छेद का नियम समझाइए।

hard

Answer: संधि का तात्पर्य दो शब्दों के मेल से नए शब्द या रूप का निर्माण करना है।

क्रियापदों में वचन और पुरुष के परिवर्तन का उदाहरण दीजिए।

medium

Answer: एकवचन — 'सः पठति', द्विवचन — 'तौ पठतः', बहुवचन — 'ते पठन्ति'।

विभक्ति के उदाहरण देकर अर्थ स्पष्ट करें।

easy

Answer: विभक्ति का प्रयोग वाक्य में संज्ञा और सर्वनाम के रूप परिवर्तन के लिए होता है, जैसे 'रामः गमिषति'।

व्याकरण की मूल बातें पढ़ाई की सीमाएं और लाभ बताइए।

easy

Answer: व्याकरण पढ़ाई से भाषा के मूल सिद्धांतों की समझ विकसित होती है, जो संप्रेषण को प्रभावी बनाती है।