Chapter 5: रचनानवाद: (वाक्‍यरचनाकौशलम)

Sanskrit - Abhyaswaan Bhav • Class 10

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Chapter Analysis

Intermediate10 pages • Hindi

Quick Summary

यह अध्याय संस्कृत व्याकरण के विभिन्न पहलुओं पर केंद्रित है, विशेष रूप से वाक्य रचना और विभक्तियों के प्रयोग पर। इसमें व्याकरणिक नियमों का प्रयोग व्याख्या की गई है जैसे कर्ता-कर्म, औपचारिक संबोधन और क्रियाएं। विद्यार्थियों को भाषा के प्रति कौशल और समझ विकसित करने के लिए अभ्यास दिए गए हैं।

Key Topics

  • विभक्तियों का उपयोग
  • परसर्ग
  • क्रिया लकार
  • व्याकरणिक रचना
  • संस्कृत वाक्य
  • कर्तृत्व और कर्म
  • सम्बोधन विभक्ति
  • काल गतिभेद

Learning Objectives

  • विभक्तियों के प्रयोग को समझना
  • संस्कृत वाक्य रचना को सुदृढ़ करना
  • भाषाई सूक्ष्मताओं को समझना
  • अभिनव संस्कृत व्याकरण का अभ्यास करने की योग्यता
  • क्रिया विविधताओं का प्रयोग करना

Questions in Chapter

अधोठिठ ितवाकयानां ससंकृतभारया अनुवार् ंकुरुत—

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(i) ‍छात्ों को ध्यान से कायत्त करना चातहए।

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(ii) र्कृ्ष िर िक्षरी चहचहाते हैं।

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(iii) हम सब तमलकर गाएगंे।

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Additional Practice Questions

संस्कृत में विभक्ति किस प्रकार कार्य करती है?

medium

Answer: संस्कृत में विभक्ति के उपयोग से वाक्य में शब्दों के बीच संबंध स्थापित होते हैं, जैसे कर्ता, कर्म, और संवेदनाओं को प्रकट करना।

विभिन्न काल वाचक क्रियाओं के उदाहरण दें।

medium

Answer: लट् लकार वर्तमान काल को दर्शाता है, जबकि लङ् लकार भूतकाल को।

कुछ संस्कृत वाक्य का हिंदी में अनुवाद करें।

easy

Answer: उदाहरण: 'बाला: गच्छन्ति' का अनुवाद 'बालिकाएं जा रही हैं' होता है।

कर्तृत्व के लिए किस विभक्ति का प्रयोग होता है?

hard

Answer: कर्तृत्व के लिए प्रथमा विभक्ति का प्रयोग किया जाता है।

त्रितीय विभक्ति का प्रयोग आवश्यक रूप से किस लिए किया जाता है?

medium

Answer: करण के लिए, साधन के रूप में त्रितीय विभक्ति का प्रयोग होता है।

रचनानवाद: (वाक्‍यरचनाकौशलम) - Sanskrit - Abhyaswaan Bhav Class 10 NCERT PDF | I❤️NCERT