Chapter 4: प्राणि जगत

Biology - Hindi • Class 11

Download PDF

Loading PDF...

Chapter Analysis

Advanced17 pages • Hindi

Quick Summary

इस अध्याय ‘प्राणि जगत’ में जीवों के वर्गीकरण की विभिन्न प्रणालियों, उनके लक्षणों, संरचनाओं और उदाहरणों का विस्तृत अध्ययन किया गया है। इसमें बताया गया है कि प्राणियों का वर्गीकरण उनके शरीर की संरचना, कोशिकीय संगठन, ऊतक व्यवस्था, सहजीवन, सममिति, तथा प्रजनन विधियों के आधार पर किया जाता है। अध्याय में स्पंज से लेकर मानव तक सभी प्रमुख संघों का क्रमबद्ध विवरण दिया गया है।

Key Topics

  • प्राणियों के वर्गीकरण का आधार
  • कोशिकीय और ऊतक संगठन
  • सममिति और शरीर संरचना
  • स्पंज से लेकर मनुष्य तक प्रमुख संघ
  • कशेरुकी और अकशेरुकी प्राणी
  • प्रजनन की विविध विधियाँ
  • उभयचर, सरीसृप, पक्षी और स्तनधारी वर्ग
  • रीढ़धारी (Chordata) संघ की विशेषताएँ

Learning Objectives

  • प्राणि वर्गीकरण की अवधारणा को समझना
  • विभिन्न संघों की विशेषताओं को पहचानना
  • कशेरुकी और अकशेरुकी में अंतर स्पष्ट करना
  • रीढ़धारी जीवों के वर्गों की पहचान करना
  • प्राणियों की सममिति और ऊतक संगठन को समझना
  • जीव विविधता का वैज्ञानिक वर्गीकरण सीखना

Questions in Chapter

यदि मुख्य लक्षण ज्ञात न हों तो प्राणियों के वर्गीकरण में आप कौन-सी कठिनाइयाँ महसूस करेंगे?

Page 53

यदि आपको एक नवजात (लार्वा) दे दिया जाए, तो वर्गीकरण हेतु आप क्या कदम उठाएँगे?

Page 53

नॉटोकॉर्ड (notochord) और रीढ़ की हड्डी का वर्गीकरण में क्या महत्व है?

Page 53

द्विपार्श्वीय (bilateral) और त्रिविम (radial) सममिति में क्या अंतर है?

Page 53

कशेरुकी और अकशेरुकी में क्या भिन्नताएँ हैं?

Page 53

स्पंज (Porifera) में जल परिवहन तंत्र का कार्य क्या है?

Page 53

प्लैटीहेल्मिन्थीस (Platyhelminthes) के विशिष्ट लक्षण लिखिए।

Page 53

अर्थ्रोपोडा (Arthropoda) सबसे बड़ा संघ क्यों है?

Page 53

रीढ़धारी (Chordata) संघ के प्रमुख लक्षण बताइए।

Page 53

मनुष्यों में पाए जाने वाले प्रमुख कशेरुकी वर्ग कौन-कौन से हैं?

Page 53

Additional Practice Questions

जीवों के वर्गीकरण का आधार क्या है?

easy

Answer: जीवों का वर्गीकरण उनके शरीर की संरचना, ऊतक संगठन, सममिति, प्रजनन और विकास प्रक्रिया के आधार पर किया जाता है।

अकशेरुकी प्राणियों की प्रमुख विशेषताएँ क्या हैं?

medium

Answer: अकशेरुकी प्राणियों में रीढ़ की हड्डी अनुपस्थित होती है, इनमें स्पंज, कीट, कृमि, मोलस्क, आर्थ्रोपोड आदि आते हैं।

प्लैटीहेल्मिन्थीस और नेमैटोडा में अंतर बताइए।

medium

Answer: प्लैटीहेल्मिन्थीस चपटे और द्विपार्श्वीय होते हैं जबकि नेमैटोडा बेलनाकार और पूर्ण पाचन तंत्र वाले होते हैं।

अर्थ्रोपोडा संघ का महत्व क्या है?

hard

Answer: अर्थ्रोपोडा संघ में कीट, मकड़ी, बिच्छू जैसे जीव आते हैं। ये विविध पारिस्थितिक भूमिकाएँ निभाते हैं और पारिस्थितिकी में अत्यंत महत्वपूर्ण हैं।

कॉर्डेटा संघ में कौन-कौन सी उपशाखाएँ हैं?

hard

Answer: कॉर्डेटा संघ में प्रोटोकोर्डेट्स, वर्टिब्रेट्स जैसे उपसंघ शामिल हैं जिनमें नोटोकोर्ड, पृष्ठीय तंत्रिका रज्जु और परिगलफन संरचना होती है।

एम्फीबियन वर्ग की विशेषताएँ क्या हैं?

medium

Answer: एम्फीबियन प्राणी जल और स्थल दोनों पर रह सकते हैं, इनमें त्वचा द्वारा श्वसन, शीत रक्तता और बाह्य निषेचन होता है।

स्तनधारी प्राणियों के मुख्य लक्षण लिखिए।

easy

Answer: स्तनधारी प्राणियों में बाल, दुग्ध ग्रंथियाँ, चार कक्षीय हृदय, आंतरिक निषेचन और जीवजनन प्रमुख लक्षण हैं।

मत्स्य वर्ग और उभयचर वर्ग में क्या अंतर है?

medium

Answer: मत्स्य जल में श्वसन के लिए गलफड़े उपयोग करते हैं जबकि उभयचर फेफड़ों और त्वचा से श्वसन करते हैं और स्थल व जल दोनों पर रहते हैं।

जीवों के वर्गीकरण में वैज्ञानिक नामों का क्या महत्व है?

easy

Answer: वैज्ञानिक नाम सार्वभौमिक पहचान प्रदान करते हैं जिससे सभी भाषाओं में एक समानता बनी रहती है और भ्रम की स्थिति नहीं होती।

रीढ़धारी प्राणियों की पाँच प्रमुख वर्गों के उदाहरण दीजिए।

easy

Answer: मछलियाँ (फिश), उभयचर (एम्फीबियन), सरीसृप (रिप्टाइल), पक्षी (एविस) और स्तनधारी (मैमेलिया)।