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Chapter Analysis
Intermediate21 pages • HindiQuick Summary
इस अध्याय में उभरती व्यवसाय पद्धतियों जैसे ई-व्यवसाय और व्यवसाय प्रक्रिया बाह्यस्रोत का महत्व समझाया गया है। इसमें इलेक्ट्रॉनिक व्यवसाय की प्रमुख विधियों और उनसे मिलने वाले लाभों का वर्णन किया गया है। इसके अतिरिक्त, उन सीमाओं और जोखिमों पर भी चर्चा की गई है जो ऑनलाइन व्यापार में शामिल हो सकते हैं। अंततः पारंपरिक व्यवसाय और ई-व्यवसाय के बीच के अंतर को स्पष्ट किया गया है।
Key Topics
- •ई-व्यवसाय
- •व्यवसाय प्रक्रिया बाह्यस्रोत
- •डिजिटलीकरण
- •ऑनलाइन लेन-देन
- •सुरक्षा उपाय
- •व्यापार के नए तरीके
- •आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन
- •उभरती तकनीकें
Learning Objectives
- ✓ई-व्यवसाय को परिभाषित और समझाना
- ✓ई-व्यवसाय और पारंपरिक व्यवसाय में अंतर करना
- ✓इलेक्ट्रॉनिक पद्धति के लाभ बताना
- ✓सुरक्षा और जोखिम के मुद्दों को पहचानना
- ✓व्यवसाय प्रक्रिया बाह्यस्रोत की संभावनाओं का मूल्यांकन करना
Questions in Chapter
ई-व्यवसाय क्या है और इसके क्या लाभ हैं?
Answer: ई-व्यवसाय की परिभाषा देते हुए इसके विभिन्न लाभों जैसे कम लागत, वैश्विक पहुंच और तेज संचरण को समझाया गया है।
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ई-व्यवसाय और पारंपरिक व्यवसाय के बीच मुख्य अंतर क्या हैं?
Answer: पारंपरिक व्यवसाय में वस्तुओं का भौतिक विनिमय आवश्यक है जबकि ई-व्यवसाय इस आवश्यकता को कम करता है।
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Additional Practice Questions
ई-व्यवसाय में सुरक्षा उपायों का क्या महत्व है?
mediumAnswer: ई-व्यवसाय में सुरक्षा उपायों की आवश्यकता होती है ताकि लेन-देन सुरक्षित और विश्वसनीय रहें, विशेषकर जब इसमें वित्तीय और व्यक्तिगत डाटा शामिल हो।
ई-व्यवसाय से जुड़े मुख्य जोखम क्या हैं और उनसे कैसे निपटा जा सकता है?
hardAnswer: मुख्य जोखिमों में डाटा सुरक्षा, साइबर हमले और कस्टमर प्राइवेसी शामिल हैं। इन्हें उन्नत सुरक्षा सिस्टम और बेहतर प्रबंधन नीतियों द्वारा संबोधित किया जा सकता है।
ई-व्यवसाय में बाह्यस्रोत का उपयोग क्यों बढ़ रहा है?
easyAnswer: बाह्यस्रोत का उपयोग इसलिए बढ़ रहा है क्योंकि यह व्यवसायों को अधिक लचीलापन और दक्षता प्रदान करता है, साथ ही लागत में कमी लाने में सहायक है।