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Chapter Analysis
Intermediate30 pages • HindiQuick Summary
यह अध्याय रसायन विज्ञान की मूल अवधारणाओं पर केंद्रित है, जिसमें मोल की परिभाषा, रासायनिक समीकरणों का संतुलन, सिग्निफिकेंट फिगर का महत्व, और गुणात्मक विश्लेषण शामिल हैं। यह अणुओं और परमाणुओं के मोलर द्रव्य और गणना की विधियों पर प्रकाश डालता है। साथ ही, यह पदार्थों के माप की इकाइयों, अणु भार और प्रतिशत माप के तरीके स्पष्ट करता है।
Key Topics
- •मोल की अवधारणा
- •रासायनिक समीकरणों का संतुलन
- •सिग्निफिकेंट फिगर
- •गुणात्मक विश्लेषण
- •मोलार मास की गणना
- •ज्ञात पदार्थों की मात्रा निर्धारण
Learning Objectives
- ✓छात्र मोल और अणु संख्या के संबंध को समझ सकें।
- ✓छात्र रासायनिक समीकरणों को संतुलित कर सकें।
- ✓छात्र गुणात्मक विश्लेषण और सिग्निफिकेंट फिगर के सिद्धांत को समझ सकें।
- ✓छात्र मोलार मास की गणना कर सकें।
Questions in Chapter
1-21 (d) जब N_2O और NO_2 की अभिक्रिया होती है, तो प्राप्त मिश्रण में N_2O_4 और NO_2 की मात्रा क्या होगी?
Answer: इस प्रश्न का हिंदी में उत्तर पाठ्यपुस्तक में उपलब्ध नहीं है।
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1-23 किसी अभिक्रिया 2 A + B → AB में निम्नलिखित अभिक्रिया चरणों में सीमित अभिकर्मक को ज्ञात करें: (i) A के 300 अणु + B के 200 अणु
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1-24 डिनाइट्रोजन और डाइहाइड्रोजन निम्नलिखित रासायनिक समीकरण के अनुसार अमोनिया बनाते हैं: 2 N_2(g) + 3 H_2(g) → 2 NH_3(g) यदि 2.00×10^3 g नाइट्रोजन 1.00×10^3 g हाइड्रोजन के साथ प्रतिक्रिया करता है, तो प्राप्त अमोनिया का द्रव्य ज्ञात करें।
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Additional Practice Questions
मोल का मौलिक महत्व और दैनिक उपयोग में इसके अनुप्रयोग को समझाइए।
mediumAnswer: मोल रसायन विज्ञान में एक मौलिक इकाई है जो अणुओं और परमाणुओं की गणनाओं को सरल बनाता है। विशेषकर, यह स्टॉइओमेट्री में उपयोग किया जाता है जिससे कि रासायनिक समीकरणों में तत्वों के अनुपात को समझा जा सके। मोल का उपयोग दैनिक जीवन में पदार्थों के सटीक माप के लिए भी किया जाता है जैसे कि खाद पदार्थों की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए।
किसी यौगिक के मोलार मास को कैसे निर्धारित करें?
easyAnswer: किसी यौगिक का मोलार मास उसके अणु कला तत्वों के परमाणु भार के योग के बराबर होता है। इसे ग्राम प्रति मोल में व्यक्त किया जाता है। उदाहरण के लिए, पानी (H_2O) का मोलार मास उसके दो हाइड्रोजन परमाणुओं और एक ऑक्सीजन परमाणु के परमाणु भार के योग के बराबर होगा।