Chapter 1: मानचित्र का परिचय

Geography - Bhugol Main Prayogatmak Karya • Class 11

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Chapter Analysis

Beginner15 pages • Hindi

Quick Summary

इस अध्याय में मानचित्र की परिभाषा, प्रकार और उनके उपयोगों का विस्तृत वर्णन दिया गया है। पाठ्यक्रम में मानचित्रों के प्रकार जैसे स्थलीय, जलवायुवीय और जनसंख्या मानचित्रों का विशेष उल्लेख है। यह अध्याय मानचित्र निर्माण की विधियों और उपकरणों का भी विवेचन करता है। भौतिक, सांस्कृतिक, और राजनैतिक मानचित्रण की प्रक्रियाएं भी इसमें संकलित हैं।

Key Topics

  • भौगोलिक मानचित्रण
  • जलवायुवीय मानचित्र
  • जमीन के उपयोग के मानचित्र
  • राजनैतिक सीमाओं का मानचित्रण
  • जनसंख्या वितरण मानचित्र
  • संस्कृतिक मानचित्र
  • मानचित्र अवयव और उपकरण
  • मानचित्र निर्माण की प्रक्रिया

Learning Objectives

  • छात्र मानचित्र के विभिन्न प्रकारों को पहचान सकेंगे
  • मानचित्र निर्माण के प्रत्येक चरण को समझ सकेंगे
  • विभिन्न मानचित्र प्रकारों के उपयोग को कथित उदाहरणों के माध्यम से स्पष्ट कर सकेंगे
  • विविध मानचित्रण तकनीकों में प्रयुक्त उपकरणों की जानकारी प्राप्त कर सकेंगे

Questions in Chapter

अपनी समझ को जाँचें और उत्तर दें: मानचित्र क्या है और इसके प्रकार क्या-क्या हैं?

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मानचित्र के निर्माण में कौन-कौन से चरण सम्मिलित होते हैं?

Answer: मानचित्र का निर्माण मुख्यतः माप, आकृति, और समायोजन के आधार पर किया जाता है, जिसमें विभिन्न स्तरों पर समर्बद्धता प्राप्त की जाती है।

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Additional Practice Questions

मानचित्र एवं ग्लोब में मुख्य अंतर क्या हैं?

easy

Answer: मानचित्र एक द्विमितीय आकृति होती है जो धरातल का चित्रण करती है, जबकि ग्लोब एक त्रिमितीय आकृति है जो पृथ्वी का प्रतिरूप होता है। मानचित्र पोर्टेबल होते हैं और विभिन्न विस्तार में उपलब्ध होते हैं, जबकि ग्लोब का उपयोग विशेषकर शिक्षण और पठन में किया जाता है।

विविध मानचित्रों के उपयोग के उदाहरण दीजिए।

medium

Answer: भौगोलिक मानचित्र पृथ्वी की स्थलाकृति दिखाने में सहायता करते हैं, राजनीतिक मानचित्र विभिन्न देशों की सीमाएं निर्धारित करते हैं, एवं जलवायुसंबंधी मानचित्र मौसम की भविष्यवाणी के लिए उपयोग में लाए जाते हैं।

कैसे नक्शों की प्रमाणिकता और मापदंड सुनिश्चित किया जा सकता है?

hard

Answer: नक्शों की प्रमाणिकता और मापदंड सुनिश्चित करने के लिए सटीक मापदंड और प्रमाणित स्रोतों का उपयोग आवश्यक है। इसके लिए जियोरेफरेंसिंग तकनीक का भी सहारा लिया जाता है।

नक्शानवीसी के विकास में उपग्रह चित्रों की भूमिका का मूल्यांकन कीजिए।

medium

Answer: उपग्रह चित्र नक्शानवीसी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, क्योंकि वे धरती की छवियों के प्रतिबिंब प्रस्तुत कर सटीक डेटा प्रदान करते हैं जो नक्शों की गुणवत्ता और सटीकता को बढ़ाते हैं।