Chapter 5: भू-आकृतिक प्रक्रियाएँ

Geography - Bhutiq Bhugol ke Mul Sidhant • Class 11

Download PDF

Loading PDF...

Chapter Analysis

Intermediate17 pages • Hindi

Quick Summary

भू-आकृतिक प्रक्रियाएँ अध्याय पांच में विविध प्रक्रियाओं को समझाया गया है जो पृथ्वी की सतह को आकार देती हैं। इसमें बाह्य और अंतःस्फोटक साम्राज्यिक स्रोत दर्शाए गए हैं जिनसे स्थलीय संरचनाएँ उत्पन्न होती हैं। इस अध्याय में, प्रमुख भौगोलिक प्रक्रियाएँ जैसे कि चट्टानों का विरुपण, पृथ्वी की पपड़ी में बदलाव, और जैविक प्रक्रियाएँ शामिल हैं जो पृथ्वी के भूखंडों को प्रभावित करती हैं।

Key Topics

  • भू-आकृतिक प्रक्रियाएँ: अर्थ और प्रकार
  • अंतःस्फोटक और बाह्यालिक प्रक्रियाएँ
  • जलवायु और जैविक प्रक्रियाओं का प्रभाव
  • मृदा निर्माण और उसके कारक
  • विभिन्न भू-आकृतिक प्रक्रियाओं का पर्यावरण पर प्रभाव
  • चट्टानों का विरुपण और परिवर्धन

Learning Objectives

  • भू-आकृतिक प्रक्रियाओं के प्रमुख प्रकारों की पहचान करना
  • अंतःस्फोटक और बाह्यालिक प्रक्रियाओं के बीच भेदभाव करना
  • भू-आकृतिक प्रक्रियाओं के पर्यावरणीय प्रभावों का विश्लेषण करना
  • मृदा निर्माण की प्रक्रियाओं को समझना
  • वैज्ञानिक अध्ययन के लिए भू-आकृतिक प्रक्रियाओं का महत्व जानना

Questions in Chapter

हमारी पृथ्वी भू-आकृतिक प्रक्रियाओं के दो विरोधी (Opposing) प्रकारों के खेल का परिणाम है, विश्लेषण कीजिए।

Page 17

बाह्याली भू-आकृतिक प्रक्रियाएँ अपनी अंतिम ऊर्जा सूर्य की गर्मी से प्राप्त करती हैं, व्याख्या कीजिए।

Page 17

क्या भौतिक और रासायनिक परिसीमाएँ एक-दूसरे से स्वतंत्र हैं? यदि नहीं तो क्यों? विवरणात्मक व्याख्या कीजिए।

Page 17

आप किस तरह से मृदा निर्माण प्रक्रियाओं और मृदा निर्माण कारकों के बीच भिन्नता को जानते हैं? जलवायु और जैविक प्रक्रियाओं के मृदा निर्माण में दो महत्वपूर्ण कारकों के रूप में क्या भूमिका है?

Page 17

Additional Practice Questions

पृथ्वी पर भू-आकृतिक प्रक्रियाएँ क्यों आवश्यक हैं?

medium

Answer: भू-आकृतिक प्रक्रियाएँ पृथ्वी की सतह को आकार देने में मदद करती हैं। ये प्रक्रियाएँ चट्टानों को तोड़कर मिट्टी बनाती हैं, जो पौधों के लिए आवश्यक है। इसके अलावा, ये प्राकृतिक आपदाओं के समय में ऊर्जा का बंटवारा करने में भी सहायक होती हैं।

विज्ञान और प्रौद्योगिकी के युग में भू-आकृतिक प्रक्रियाओं का अध्ययन क्यों महत्वपूर्ण है?

medium

Answer: विज्ञान और प्रौद्योगिकी के युग में भू-आकृतिक प्रक्रियाओं का अध्ययन करने से हम प्राकृतिक आपदाओं को समझ सकते हैं और उनके प्रभावों को कम कर सकते हैं। इसके साथ ही, यह धरती के जीवनकाल को समझने में भी सहायक होता है।

विभिन्न प्रकार की भू-आकृतिक प्रक्रियाओं का उनकी तीव्रता और प्रभाव के आधार पर तुलना कीजिए।

hard

Answer: विभिन्न भू-आकृतिक प्रक्रियाएँ जैसे कि ज्वालामुखीय क्रियाएँ अत्यंत तीव्र होती हैं और तात्कालिक विशाल परिवर्तन लाती हैं, जबकि मृदा अपरदन धीरे-धीरे होता है और समय के साथ छोटे परिवर्तन लाता है।

भू-आकृतिक प्रक्रियाओं से उत्पन्न होने वाले पर्यावरणीय प्रभावों को विस्तृत रूप से समझाइए।

hard

Answer: भू-आकृतिक प्रक्रियाओं से पर्यावरण पर विभिन्न प्रभाव होते हैं, जैसे कि वनस्पति का विनाश, मिट्टी की गुणवत्ता में गिरावट, और पानी के स्रोतों का सूखना। ये प्रभाव जैव विविधता को खतरे में डाल सकते हैं।

भूमि पर जिल्दनकायन की प्रक्रिया का वर्णन कीजिए।

medium

Answer: जिल्दनकायन की प्रक्रिया में मिट्टी और चट्टानों के टुकड़े परिवर्तित होते हैं, जिससे मिट्टी का बनावट और गुणवत्ता बदलती है, जो जलवायु और जैविक गतिविधियों के प्रभाव में होता है।