Chapter 11: उष्मागतिकी

Physics Part-2 - Hindi • Class 11

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Chapter Analysis

Intermediate15 pages • Hindi

Quick Summary

इस अध्याय में ऊष्मागतिकी के मूलभूत सिद्धांतों का वर्णन किया गया है। यहाँ ऊष्मागतिकी के पहले और दूसरे नियमों को समझाया गया है, जिसमें ऊर्जा संरक्षण और ऊष्मा का कार्य में परिवर्तन शामिल है। अध्याय ऊष्माप्रवाह और विभिन्न प्रक्रमों हेतु ऊष्मा का व्यवहार बताता है। इसका उद्देश्य तापमान, ऊर्जा, और कार्य के बीच संबंध को गहराई से समझाना है।

Key Topics

  • ऊष्मागतिकी का पहला नियम
  • ऊष्मागतिकी का दूसरा नियम
  • कार्यों का ऊष्मा रूपांतरण
  • ऊष्मा और तापमान
  • ऊष्मा के विविध प्रक्रम
  • ऊष्मा इंजनों के प्रकार
  • विशिष्ट ऊष्मा और उर्जा का संरक्षण

Learning Objectives

  • ऊष्मा और कार्य के बीच संबंध समझाना
  • ऊष्मा के विविध प्रक्रमों की संरचना जानकारी प्राप्त करना
  • ऊष्मागतिकी के नियमों का व्यावहारिक जीवन में अनुप्रयोग समझना
  • ऊष्मा के इंजनों की कार्यप्रणाली समझना
  • ऊष्मा प्रवाह के सिद्धांतों को समझना
  • ताप और ऊर्जा संरक्षण को विस्तार से समझाना

Questions in Chapter

11.1 कोई वस्तु 3.0 लिटर प्रति मिनट दर से बहते हुए जल को 27 ºC से 77 ºC तक गरम करता है। यदि हीटर का संचालन हीटर द्वारा किया जाता है, तो ऊर्जा की खपत की क्या दर होगी? हीटर के बर्नर की दहन-मूल्य 4.0×104 J g-1 है।

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11.2 स्थिर दाब पर 2.0×10–2 किग्रा नाइट्रोजन (कक्ष के तापमान पर) के ताप में 45 ºC वृद्दि के लिए कितनी ऊर्जा की आपूर्ति की जानी चाहिए? (N2 का व.म.=28; R = 8.3 J mol-1 K-1)

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11.3 वर्णन कीजिए क्यों ऐसा होता है?

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Additional Practice Questions

एक सिलेंडर में भरी हुई गैस का ताप 300 K से 400 K तक बढ़ाने के लिए कितनी ऊष्मा की आवश्यकता होगी?

medium

Answer: गैस के लिए प्रयोग की गई ऊष्मा की विशिष्ट ऊष्मा की माप और द्रव्यमान के आधार पर Q = mcΔT सूत्र द्वारा ऊष्मा की गणना की जा सकती है।

कोई भी ऊर्जा रूप से ऊष्मा में कैसे परिवर्तित होती है?

easy

Answer: ऊर्जा के संरक्षण के सिद्धांत के अनुसार, ऊर्जा एक रूप से दूसरे रूप में परिवर्तित की जा सकती है, लेकिन उसका कुल योग अपरिवर्तित रहता है।

बताइए, आदर्श गैस के लिए ऊष्मा हस्तांतरण प्रक्रिया में कौन से तीन मुख्य घटक शामिल होते हैं?

medium

Answer: ऊष्मा हस्तांतरण की प्रक्रिया में तीन मुख्य घटक होते हैं: दाब, आयतन, और तापमान।

ऊष्मागतिकी के द्वितीय नियम का प्रयोग करके यह समझाइए कि क्यों कभी-कभी ऊर्जा की सम्पूर्ण मात्रा कार्य में परिवर्तित नहीं हो पाती।

hard

Answer: ऊष्मागतिकी का द्वितीय नियम कहता है कि कोई भी प्रक्रम 100% कुशल नहीं हो सकता और हमेशा कुछ ऊर्जा ऊष्मा के रूप में व्यर्थ होती है।

समान्य ऊष्मागतिकी प्रक्रम में किसी भी गैस का विशिष्ट ऊष्मा प्रारूप में परिवर्तन क्यों होता है?

medium

Answer: गैस के विशिष्ट ऊष्मा प्रारूप में परिवर्तन उसके द्रव्य के अवस्था परिवर्तन और दबाव एवं आयतन के परिवर्तन पर निर्भर करता है।