Chapter 8: धर्मनिरपेक्षता

Political Science Part 1 - Hindi • Class 11

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Chapter Analysis

Intermediate17 pages • Hindi

Quick Summary

अध्याय 'धर्मनिरपेक्षता' धर्म और राज्य के संबंधों को समझाता है। यह पश्चिमी मॉडल और भारतीय मॉडल के अंतर को स्पष्ट करता है, जो भारतीय संविधान में निहित है। भारतीय धर्मनिरपेक्षता धार्मिक समूहों के बीच समता स्थापित करती है और समाज में विविधता को प्रोत्साहित करती है। यह विशेष रूप से धार्मिक आज़ादी और अल्पसंख्यकों के अधिकारों पर जोर देता है।

Key Topics

  • धर्म और राज्य का संबंध
  • भारतीय संविधान और धर्मनिरपेक्षता
  • अल्पसंख्यक अधिकार
  • धर्मनिरपेक्षता का पश्चिमी मॉडल
  • धार्मिक सहिष्णुता
  • समानता और विविधता
  • धर्मनिरपेक्षता की आलोचना
  • अंतरराष्ट्रीय परिप्रेक्ष्य में भारतीय धर्मनिरपेक्षता

Learning Objectives

  • धर्मनिरपेक्षता की परिभाषा और उसके विभिन्न रूपों को समझना।
  • भारतीय संविधान में धर्मनिरपेक्षता की भूमिका को समझना।
  • धर्मनिरपेक्षता के विभिन्न मॉडलों का तुलनात्मक अध्ययन।
  • समाज में विविधता और समानता के महत्व को समझना।
  • धर्मनिरपेक्षता की आलोचनाओं की जानकारी प्राप्त करना।

Questions in Chapter

धर्मनिरपेक्षता के पश्चिमी और भारतीय मॉडल की कुछ विशेषताओं का वर्णन करें।

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धर्मनिरपेक्षता से आप क्या समझते हैं? क्या यह किसी प्रकार की धार्मिक असहनशीलता से संबंधित हो सकती है?

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Additional Practice Questions

धर्मनिरपेक्षता क्यों महत्वपूर्ण है?

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Answer: धर्मनिरपेक्षता किसी भी समाज में धार्मिक सहिष्णुता स्थापित करने में सहायक होती है। यह विभिन्न धार्मिक समूहों के बीच समता और समान अधिकार सुनिश्चित करती है।

भारतीय धर्मनिरपेक्षता का विश्व पर क्या प्रभाव पड़ता है?

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Answer: भारतीय धर्मनिरपेक्षता विश्व को एक उदाहरण देती है कि कैसे एक बहु-धार्मिक समाज में राज्यों को धर्म से स्वतंत्र होना चाहिए, जबकि सभी धर्मों का समान सम्मान करना चाहिए।

भारतीय संविधान में धर्मनिरपेक्षता का किस प्रकार समावेश किया गया है?

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Answer: भारतीय संविधान धर्मनिरपेक्षता के तत्वों को मूल अधिकारों के रूप में सम्मिलित करता है, जो सभी नागरिकों को धर्म की स्वतंत्रता और व्यवसाय की स्वतंत्रता प्रदान करता है।