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Chapter Analysis
Intermediate6 pages • HindiQuick Summary
सौवर्णशकतिक अध्याय में मुख्य कथा एक छोटे बालक की है जो अपनी माँ से प्रेरणा लेकर जीवन में आत्मनिर्भरता की ओर अग्रसर होता है। कहानी के माध्यम से उस काल की समाजिक और न्यायिक स्थितियों का विश्लेषण किया गया है। परिवार तथा न्यायालय के परिप्रेक्ष्य में विवादों के समाधान की विधि का भी वर्णन है।
Key Topics
- •आत्मनिर्भरता
- •सामाजिक न्याय
- •बालक की प्रेरणा
- •परिवारिक संघर्ष
- •न्यायिक प्रक्रिया
- •बालक की भूमिका
Learning Objectives
- ✓अध्याय के माध्यम से आत्मनिर्भरता की महत्ता को समझना।
- ✓न्याय के सामाजिक और व्यक्तिगत स्तर पर प्रभाव का अध्ययन।
- ✓परिवारिक संघर्षों के समाधान की विधियों का विश्लेषण।
- ✓विवादों के समाधान में बालकों की भूमिका को समझना।
Questions in Chapter
लललत कां कथमल्पयति?
Answer: लललत: स्पष्टवक्ता
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कस्मिन्काले बालक: व्यवतिष्ठते?
Answer: प्रात:काले
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Additional Practice Questions
सौवर्णशकतिक कथा का केंद्रीय विषय क्या है?
mediumAnswer: सौवर्णशकतिक में आत्मनिर्भरता और न्याय की अवधारणा का वर्णन है, जो व्यक्ति के जीवन को सही दिशा देने में सहायता करती है।
कथा में बालक के उद्देश्य और कार्यों को किस प्रकार प्रस्तुत किया गया है?
hardAnswer: कथा में बालक को आत्मनिर्भर और अपने निर्णय लेने में सक्षम बताया गया है। उसके कार्यों में समाज के प्रति कर्तव्य की भावना उजागर होती है।