Chapter 7: विघ्यननौक

Sanskrit - Shashwati • Class 11

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Chapter Analysis

Intermediate6 pages • Hindi

Quick Summary

विधाननौक नामक अध्याय में विद्या की महत्ता और इसके विविध रूपों का विवेचन किया गया है। इसमें वैज्ञानिक दृष्टिकोण से समाज को लाभ प्राप्त करने की प्रक्रिया का वर्णन है। लेखक ने आधुनिक विज्ञान और चेतना के मध्य संतुलन स्थापित करने की आवश्यकता पर भी प्रकाश डाला है। विभिन्न सांस्कृतिक और सामाजिक पहलुओं के माध्यम से पाठकों को विद्या के प्रति जागरूक किया गया है।

Key Topics

  • विद्या की महत्ता
  • विज्ञान का समाज पर प्रभाव
  • संस्कृति और विज्ञान
  • समाज में विद्या का योगदान
  • आधुनिक और पारंपरिक ज्ञान

Learning Objectives

  • विद्या के विभिन्न रूपों की पहचान करना
  • समाज में विद्या की भूमिका समझना
  • विज्ञान और चेतना के मध्य संतुलन स्थापित करना
  • आधुनिक और पारंपरिक ज्ञान का उपयोग करना

Questions in Chapter

किवता में वैज्ञानिक दृष्टिकोण का कहाँ उपयोग किया गया है?

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कविता में विद्या का प्रकार है?

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Additional Practice Questions

विज्ञान और विद्या के मध्य संबंधों का वर्णन करें।

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Answer: विज्ञान और विद्या आपस में गहन संबंध रखते हैं। विद्या के माध्यम से व्यक्ति विभिन्न प्रकार के ज्ञान अर्जित करता है जबकि विज्ञान इसके प्रयोगात्मक पक्ष पर बल देता है। दोनों का समन्वय समाज में सुधार और विकास की दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

विद्या से समाज को किस प्रकार का लाभ होता है?

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Answer: विद्या के माध्यम से व्यक्ति न केवल स्वयं का ज्ञान बढ़ाता है बल्कि समाज में सुधार एवं विकास की प्रक्रिया को भी गति प्रदान करता है। यह समाज में नैतिकता, अनुशासन और सभ्यता के विकास में सहायक होता है।

विद्या का अर्थ और उसका जीवन में महत्व स्पष्ट करें।

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Answer: विद्या का अर्थ है ज्ञान प्राप्त करना और इसको जीवन में लागू करना। जीवन में विद्या का महत्व इस बात से स्पष्ट होता है कि यह व्यक्ति को सही दिशा में ले जाती है और समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाती है।