Chapter 5: भारतीय समाजशास्त्री

Sociology - Samaj ka Bodh • Class 11

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Chapter Analysis

Intermediate17 pages • Hindi

Quick Summary

इस अध्याय में भारतीय समाजशास्त्र के आरंभिक विचारकों जैसे वींसेंट ए. स्मिथ, हेनरी समर्सटन और वी.के.आर.वी. राव आदि की विचारधाराओं का विवेचन किया गया है। समाजशास्त्र के भारतीय परिप्रेक्ष्य में इन महान विचारकों के योगदान को समझाया गया है। उनके कार्यों में भारतीय संस्कृति, इतिहास और सामाजिक संरचना का विश्लेषण किया गया है।

Key Topics

  • भारतीय समाजशास्त्र की उत्पत्ति
  • आर्य समाज के विचार
  • संस्कृति और धर्म का अंतर
  • भारतीय समाजशास्त्र के प्रमुख विचारक
  • भारतीय समाज में परिवर्तन के उपाय
  • शहरीकरण और उसका प्रभाव
  • समाज सुधार आंदोलनों का इतिहास
  • समाजशास्त्र का वर्तमान परिप्रेक्ष्य

Learning Objectives

  • भारतीय समाजशास्त्र के आरंभिक विचारकों की समझ प्राप्त करना।
  • भारतीय समाज में सामाजिक संरचना का विश्लेषण करना।
  • विभिन्न समाज सुधार आंदोलनों के आधार को समझना।
  • समकालीन समाजशास्त्र के सिद्धांतों का अध्ययन करना।
  • संस्कृति और धर्म के मध्य का अंतर स्पष्ट करना।
  • शहरीकरण के समाज पर प्रभाव को समझना।

Questions in Chapter

दयानंद सरस्वती के समाज सुधार के प्रयासों का वर्णन करें।

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आर्य समाज के उदय के प्रमुख कारण क्या थे?

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संस्कृति और धर्म के बीच के अंतर को स्पष्ट करें।

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Additional Practice Questions

भारतीय समाजशास्त्र के प्रमुख विचारकों के नाम बताएं।

medium

Answer: भारतीय समाजशास्त्र के प्रमुख विचारक हैं: वींसेंट ए. स्मिथ, हेनरी समर्सटन, वी.के.आर.वी. राव।

भारतीय समाज में परिवर्तन कैसे लाया जा सकता है?

hard

Answer: भारतीय समाज में परिवर्तन लाने के लिए शिक्षा का स्तर बढ़ाना होगा, सामाजिक पाखंड को खत्म करना होगा, और वैज्ञानिक दृष्टिकोण को अपनाना होगा।

वर्तमान समय में समाजशास्त्र का महत्व क्या है?

medium

Answer: वर्तमान समय में समाजशास्त्र का महत्व इसलिए अधिक है क्योंकि यह समाज के विभिन्न पहलुओं को समझने में मदद करता है, जैसे आर्थिक असमानता, जाति व्यवस्था, और लैंगिक समानता।

समाजशास्त्र और मनोविज्ञान के बीच क्या संबंध है?

easy

Answer: समाजशास्त्र और मनोविज्ञान दोनों ही मानव व्यवहार का अध्ययन करते हैं, लेकिन समाजशास्त्र समूह और समुदाय स्तर पर ध्यान केंद्रित करता है जबकि मनोविज्ञान व्यक्तिगत स्तर पर।

शहरीकरण का समाज पर क्या प्रभाव पड़ता है?

medium

Answer: शहरीकरण से समाज पर कई प्रभाव पड़ते हैं जैसे बेरोजगारी में कमी, शिक्षा के अवसरों में वृद्धि, लेकिन साथ ही सामाजिक असमानता और प्रदूषण भी उत्पन्न होते हैं।