Chapter 2: ऋणपत्रों का निर्गम एवं मोचन उपखंड – I

Accountancy Part 2 - Hindi • Class 12

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Chapter Analysis

Intermediate20 pages • Hindi

Quick Summary

यह अध्याय ऋणपत्रों के निर्गम और मोचन की प्रक्रिया का वर्णन करता है। इसमें ऋणपत्रों के विभिन्न प्रकार, उनके निर्गम के तरीके और वित्तीय लेखांकन पर उनके प्रभाव पर चर्चा की गई है। इस प्रकार के वित्तीय साधनों की लेखा प्रक्रिया और कानूनी आवश्यकताओं पर भी विचार किया गया है। यह अध्याय छात्रों को ऋणपत्रों के माध्यम से वित्त जुटाने की प्रक्रिया को विस्तार से समझने में मदद करता है।

Key Topics

  • ऋणपत्रों के प्रकार
  • ऋणपत्र निर्गम की प्रक्रिया
  • मोचन और विसर्जन
  • कानूनी और लेखा संशोधन
  • वित्तीय लेखांकन
  • ऋणपत्रों के प्रभाव
  • बाजार दर और मूल्य निर्धारण
  • ऋणपत्रों का लेखा उपचार

Learning Objectives

  • छात्र ऋणपत्रों के निर्गम की प्रक्रिया समझेंगे।
  • ऋणपत्र निर्गम की कानूनी आवश्यकताओं का ज्ञान प्राप्त करेंगे।
  • ऋणपत्रों के मोचन और विसर्जन का अध्ययन करेंगे।
  • विभिन्न प्रकार के ऋणपत्रों की पहचान करेंगे।
  • वित्तीय लेखांकन में ऋणपत्रों के महत्व को समझेंगे।
  • ऋणपत्रों का आर्थिक प्रभाव विश्लेषित करेंगे।

Questions in Chapter

क्या कंपनी खुले बाजार से स्वयं के ऋणपत्र क्रय कर सकती है? वर्णन कीजिए।

Answer: हाँ, कंपनी खुले बाजार से स्वयं के ऋणपत्र एकत्र कर सकती है, लेकिन इसके लिए कुछ विशेष परिस्थितियां और नियम होते हैं।

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ऋणपत्र का विसर्जन क्या होता है? प्रकार सहित वर्णन कीजिए।

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Additional Practice Questions

एक ऋणपत्र के निर्गम के प्रमुख चरण क्या होते हैं?

medium

Answer: ऋणपत्र के निर्गम में प्रमुखतः राशि निर्धारण, मुखपत्र का प्रकाशन, एप्लीकेशन की स्वीकृति और आवंटन शामिल होते हैं।

ऋणपत्रों के निर्गम से जुड़ी कानूनी आवश्यकताएं क्या होती हैं?

hard

Answer: कानूनी आवश्यकताओं में सेबी के दिशा-निर्देशों का पालन, आवश्यक दस्तावेज़ की व्यवस्था और वित्तीय विवरणों की पारदर्शिता शामिल होती है।

ऋणपत्रों के मोचन की प्रक्रिया का वर्णन करें।

easy

Answer: ऋणपत्रों का मोचन उनके निर्धारित मूल्य या बाजार मूल्य पर होता है और यह कंपनी द्वारा निर्धारित अवधि के अंत में किया जाता है।

ऋणपत्रों के विभिन्न प्रकारों का वर्णन करें।

medium

Answer: ऋणपत्र विभिन्न प्रकार के होते हैं जैसे परिवर्तनीय, गैर-परिवर्तनीय, वार्षिकी और बुलियन ऋणपत्र।

ऋणपत्रों के आर्थिक प्रभाव का विश्लेषण कैसे किया जा सकता है?

hard

Answer: ऋणपत्रों के आर्थिक प्रभाव का विश्लेषण लाभ और हानि के ब्योरे के माध्यम से किया जाता है, जो कंपनी के पूंजी संरचना पर आधारित होता है।