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Chapter Analysis
Intermediate18 pages • HindiQuick Summary
यह अध्याय खनिज और ऊर्जा संसाधनों की भूमिका और उनके वितरण पर केंद्रित है। इसमें भारत के खनिज समृद्ध क्षेत्रों का विवरण दिया गया है और खनिज संसाधनों की आवश्यकताएं और व्यापकताएं समझाई गई हैं। पाठ में खनिजों की विशेषताएँ और उनके विद्यमान भंडार के बारे में जानकारी दी गई है, साथ ही संसाधनों के संरक्षण पर भी जोर दिया गया है।
Key Topics
- •खनिज संसाधनों का प्रकार और उनका वितरण
- •भारत के प्रमुख खनिज संसाधन क्षेत्र
- •अक्षय और गैर-अक्षय ऊर्जा संसाधन
- •खनिजों का आर्थिक महत्व
- •खनिज संसाधनों का संरक्षण
- •ऊर्जा संसाधनों के प्रकार
- •भारत में ऊर्जा उत्पादन की चुनौतियाँ
- •ऊर्जा संसाधनों की लंबी अवधि की योजना
Learning Objectives
- ✓भारत के खनिज और ऊर्जा संसाधनों की पहचान और विश्लेषण करना
- ✓विभिन्न खनिजों और ऊर्जा संसाधनों के पर्यावरणीय प्रभाव का अध्ययन करना
- ✓खनिज संसाधनों के संरक्षण के महत्व को समझना
- ✓भारत में ऊर्जा नीति के विभिन्न पहलुओं का अध्ययन करना
- ✓खनिज और ऊर्जा संसाधनों के अर्थशास्त्र को समझना
Questions in Chapter
हिन्दुस्तान में खनिज संसाधनों का वितरण कहाँ-कहाँ पाया जाता है?
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भारत के मुख्य औद्योगिक खनिज संसाधनों के नाम लिखिए।
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उपलब्ध खनिज संसाधनों का महत्व क्या है?
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Additional Practice Questions
खनिज संसाधनों के प्रकार और उनका भारत में वितरण समझाइए।
mediumAnswer: भारत में खनिज संसाधन तीन प्रकार के होते हैं: धात्विक खनिज, अधात्विक खनिज, और ऊर्जा खनिज। धात्विक खनिज जैसे लोहा, तांबा, और सोना प्रमुखता से झारखंड और ओडिशा में मिलते हैं। अधात्विक खनिजों में बिहार और राजस्थान प्रमुख हैं, जबकि ऊर्जा खनिज जैसे कोयला झारखंड और छत्तीसगढ़ में विपुल मात्रा में पाए जाते हैं।
खनिज संसाधनों के संरक्षण की आवश्यकता पर चर्चा कीजिए।
hardAnswer: खनिज संसाधनों के संरक्षण की आवश्यकता इसलिए है क्योंकि वे सीमित मात्रा में उपलब्ध हैं और उनका पुनः उत्पादन नहीं हो सकता। संरक्षण के उपायों में उद्धरण और पुनः चक्रण, स्थायी खनन विधियाँ, और वन क्षेत्रों का संरक्षण शामिल हैं।
भारत में ऊर्जा संसाधनों की वर्तमान स्थिति की समीक्षा कीजिए।
mediumAnswer: पारंपरिक ऊर्जा संसाधनों जैसे कोयला और तेल के भंडार सीमित हो रहे हैं, जिससे भारत में गैर-पारंपरिक ऊर्जा संसाधनों जैसे सौर ऊर्जा और वायु ऊर्जा की वृद्धि पर जोर दिया जा रहा है। भारत सरकार अक्षय ऊर्जा स्रोतों के विकास के लिए नीतियां बना रही है ताकि ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
धात्विक और अधात्विक खनिज संसाधनों के बीच अंतर बताइए।
easyAnswer: धात्विक खनिजों में धातु के अंश होते हैं जैसे लोहा और तांबा, जबकि अधात्विक खनिजों में धातु का अंश नहीं होता, जैसे बजरी और चूना पत्थर। धात्विक खनिज इलेक्ट्रॉनिक्स और निर्माण के लिए उपयोगी होते हैं, जबकि अधात्विक मुख्यतः निर्माण उद्योग और कृषि में प्रयुक्त होते हैं।
भारत में सौर ऊर्जा के विकास की संभावनाओं का अध्ययन करें।
mediumAnswer: भारत में सौर ऊर्जा के विकास की संभावनाएं बहुत उच्च हैं, विशेष रूप से राजस्थान और गुजरात जैसे राज्यों में जहां बहुत धूप मिलती है। भारत सरकार ने 2022 तक 100 गीगावॉट सौर ऊर्जा का उत्पादन करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। यह ऊर्जा सुरक्षा में योगदान देने के साथ ही पर्यावरण पर भी सकारात्मक प्रभाव डालेगी।