Chapter 2: सूर्यकांत त्रिपाठी निराला

Hindi - Antra • Class 12

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Chapter Analysis

Intermediate14 pages • Hindi

Quick Summary

यह अध्याय सूर्यकांत त्रिपाठी 'निराला' की जीवनी और उनकी कविता 'फुजाता' पर आधारित है। इसमें निराला की साहित्यिक यात्रा, व्यक्तिगत संघर्ष और उनके लेखन की विशेषताओं का वर्णन है। 'ललित और लोकवृत्त' कविता के माध्यम से वे अपनी पुत्री के निधन के पश्चात के अनुभवों को साझा करते हैं। अध्याय हिंदी साहित्य की विविधताओं और निराला की अद्वितीय लेखन शैली को भी उजागर करता है।

Key Topics

  • सूर्यकांत त्रिपाठी का जीवनी
  • साहित्यिक यात्रा
  • पुत्री का निधन
  • फुजाता कविता
  • हिंदी साहित्य में योगदान
  • लेखन की विशेषताएँ

Learning Objectives

  • सूर्यकांत त्रिपाठी निराला के जीवन और साहित्य को समझना
  • उनकी कविताओं के भावार्थ और प्रभाव का विश्लेषण करना
  • हिंदी साहित्य के संदर्भ में निराला के योगदान की समीक्षा करना
  • निराला की लेखन शैली के विशिष्ट तत्वों की पहचान करना

Questions in Chapter

ललित के नये अथवा अभिव्यक्त रूप का वर्णन अपने शब्दों में कीजिये।

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कवि को अपनी स्वतन्त्रता प्रिय पत्नी की याद क्यों आई?

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‘अदृश्य अलंकृता’ में ‘अदृश्य’ और ‘अलंकृता’ शब्द किसकी और संकेत करते हैं?

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Additional Practice Questions

सूर्यकांत त्रिपाठी के जीवन के किन पहलों ने उनके लेखन को सबसे अधिक प्रभावित किया?

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Answer: सूर्यकांत त्रिपाठी के व्यक्तिगत संघर्ष, विशेषकर उनकी पुत्री की मृत्यु और पत्नी का निधन, उनके लेखन को गहराई से प्रभावित किया। इनके लेखन में सामाजिक विषयों और मानव संवेदनाओं की प्रधानता देखी जा सकती है।

निराला की कविता में प्रकृति का क्या महत्व है?

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Answer: निराला की कविताओं में प्रकृति का वर्णन गहन एवं आकर्षक होता है। वे अपने आस-पास की प्रकृति का चित्रण करके अपने लेखन को जीवंत बनाते हैं।

‘फुजाता’ कविता के भावार्थ के बारे में विस्तार से लिखिए।

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Answer: ‘फुजाता’ कविता में कवि ने अपनी पुत्री के अचानक निधन के बाद अपनी भावनाओं को व्यक्त किया है। यह कविता व्यक्त करती है कि कैसे जीवन के अप्रत्याशित घटनाएं व्यक्ति को गहरा प्रभाव डालती हैं।

सूर्यकांत त्रिपाठी के साहित्यिक योगदान को आप किस दृष्टि से महत्वपूर्ण मानते हैं?

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Answer: उनका साहित्यिक योगदान हिंदी साहित्य के विविधता को प्रदर्शित करता है। निराला ने स्वतंत्रता आंदोलन के समय की सामाजिक और राजनीतिक परिस्थितियों को अपने साहित्य के माध्यम से प्रस्तुत किया।

निराला की लेखन शैली के प्रमुख तत्व कौन-कौन से हैं?

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Answer: निराला की लेखन शैली में असाधारण कल्पनाशीलता, दार्शनिक दृष्टिकोण, और समाज के प्रति गहरी समझ प्रमुख तत्व हैं। उनका लेखन स्वाभविक और सहज होता है।