Chapter 12: धर्मवीर भारती

Hindi - Aroh • Class 12

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Chapter Analysis

Intermediate10 pages • Hindi

Quick Summary

धर्मवीर भारती का यह पाठ उनके साहित्यिक योगदान की विशेषताओं को उजागर करता है, जिसमें उनका मानवीय दृष्टिकोण और सामाजिक समर्पण प्रमुख है। वे समाज, भौतिकवाद और आध्यात्मिकता के बीच संतुलन की आवश्यकता को रेखांकित करते हैं। उनका लेखन स्वतंत्रता के बाद की पीढ़ी के सामाजिक संघर्षों और नैतिक संकटों का स्पष्ट चित्रण करता है।

Key Topics

  • स्वतंत्रता पश्चात्‍ भारतीय समाज
  • धर्मवीर भारती का सामाजिक दृष्टिकोण
  • मानवीय संवेदनशीलता
  • साहित्यिक योगदान
  • भौतिकवाद बनाम आध्यात्मिकता
  • सामाजिक संघर्ष और नैतिकता
  • ग्रामीण संकट और आर्थिक व्यवस्था

Learning Objectives

  • धर्मवीर भारती की लेखन शैली को समझना
  • उनके साहित्यिक योगदान को पहचानना
  • भारतीय समाज के प्रति उनकी दृष्टि को जानना
  • साहित्य के माध्यम से सामाजिक बदलाव की संभावनाओं को देखना
  • आधुनिक समाज में धार्मिक और वैज्ञानिक दृष्टि का संतुलन समझना

Questions in Chapter

1- क्या बंजर सेना आज के युवा वर्ग का प्रेरणा स्रोत हो सकती है? आपके व्यक्तिगत अनुभव आपके विचार को समर्थन दें।

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2- तकनीकी विकास के बावजूद भारत की आर्थिक व्यवस्था से कृषि पर निर्भरता क्यों बरकरार है?

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3- इस पाठ में दी गई जुंहैया की कविता 'बंजर-जंग' पर चर्चा करें और बताएं कि दीर्घ काल में किसानों की क्या भूमिका हो सकती है?

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Additional Practice Questions

धर्मवीर भारती की लेखन शैली का क्या महत्व है और यह कैसे समाज पर प्रभाव डालती है?

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Answer: धर्मवीर भारती की लेखन शैली उनकी गहन मानवीय समझ और समाज के प्रति उनकी जिम्मेदारी को दर्शाती है। उनके लेखन में यथार्थवाद, सामाजिक चिंता और आध्यात्मिकता का संतुलन होता है। इससे पाठकों को जीवन के गहरे पहलुओं को समझने और अपने सामाजिक दायित्वों के प्रति जागरूक होने की प्रेरणा मिलती है।

धर्मवीर भारती के लेखन में स्वतंत्रता पश्चात्‍ कालीन भारत की स्थिति का विवरण किस प्रकार मिलता है?

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Answer: धर्मवीर भारती के लेखन में स्वतंत्रता पश्चात्‍ कालीन भारत की स्थिति को ग्रामीण संकट, अर्थव्यवस्था की समस्याओं और नयी पीढ़ी के नैतिक संघर्षों के माध्यम से दर्शाया गया है। वे उन चुनौतियों का संदर्भ देते हैं जिन्हें भारत को स्वतंत्रता के बाद संभालना पड़ा।

धर्मवीर भारती किस तरह से आधुनिक भारतीय समाज में परिवर्तन के लिए साहित्य को एक माध्यम मानते हैं?

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Answer: धर्मवीर भारती साहित्य को समाज जागरूकता और परिवर्तन का माध्यम मानते हैं। उनका मानना है कि साहित्य के माध्यम से लोग अपने समाज के प्रति संवेदनशील हो सकते हैं और सकारात्मक बदलाव की दिशा में अग्रसर हो सकते हैं।

भारतीय समाज में धार्मिक और वैज्ञानिक दृष्टिकोण के बीच कैसे संतुलन स्थापित किया जा सकता है?

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Answer: भारतीय समाज में धार्मिक और वैज्ञानिक दृष्टिकोण के बीच संतुलन स्थापित करने के लिए दोनों के बीच संवाद और समझ की आवश्यकता होती है। यह संतुलन तब संभव है जब समाज खुले दिमाग से ज्ञान और आदर्शों का अनुसरण करे।

धर्मवीर भारती के लेखन में मानवीय संवेदनशीलता का किस प्रकार चित्रण मिलता है?

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Answer: धर्मवीर भारती मानवीय संवेदनशीलता को अपने पात्रों के माध्यम से व्यक्त करते हैं जो विभिन्न सामाजिक और व्यक्तिगत संघर्षों का सामना करते हैं। यह संवेदनशीलता उनके लेखन में सहानुभूति, समझ और करुणा के रूप में प्रकट होती है।