Chapter 9: उपनिवेशवाद और देहात

History Part 3 - Hindi • Class 12

Download PDF

Loading PDF...

Chapter Analysis

Advanced16 pages • Hindi

Quick Summary

यह अध्याय उपनिवेशवादी प्रशासन द्वारा भारतीय ग्रामीण इलाकों में किए गए सामाजिक और आर्थिक परिवर्तनों की जांच करता है। यह स्थानीय स्वशासन और पारंपरिक काश्तकारी प्रथाओं के ऊपर ईस्ट इंडिया कंपनी के बढ़ते प्रभाव का वर्णन करता है। स्थानीय अधिनायकों और कृषकों के विरोध और उनके जीवन पर पड़े प्रभावों का विस्तार से वर्णन किया गया है।

Key Topics

  • उपनिवेशवाद का प्रभाव
  • भारतीय कृषि और वाणिज्य
  • स्थानिक शासन प्रणाली का परिवर्तन
  • भारतीय किसानों की स्थिति
  • जोतदार और मालिकान की भूमिका

Learning Objectives

  • उपनिवेशवादी प्रशासन द्वारा किए गए सामाजिक परिवर्तन को समझना
  • भारतीय ग्रामीण अर्थव्यवस्था पर उपनिवेशवाद के प्रभाव की पहचान करना
  • जोतदार और मालिकान के बीच के संबंधों और उनके प्रभाव की विवेचना करना
  • भारतीय किसानों और स्थानीय नेताओं के प्रतिरोध का अध्ययन करना

Questions in Chapter

जोतदार और मालिकान के बीच क्या अंतर था?

Answer: जोतदार वे किसान थे जो जमीन पर खेती करते थे परंतु भूमिधारक नहीं थे। मालिकान वे लोग थे जिनके पास जमीन की मिल्कियत थी।

Page 255

Additional Practice Questions

उपनिवेशवाद के समय भारतीय ग्रामीण अर्थव्यवस्था में कौन से प्रमुख परिवर्तन देखे गए?

hard

Answer: उपनिवेशवाद के दौरान भारतीय ग्रामीण अर्थव्यवस्था में कई महत्त्वपूर्ण परिवर्तन आए, जैसे कि कृषि प्रणाली का व्यावसायीकरण, पारंपरिक काश्तकारी प्रथाओं का ह्रास और जमीन की मिल्कियत में परिवर्तन। काश्तकारों और गांव के नेताओं के प्रभाव में कमी आई और ब्रिटिश शासन के दखल से ग्रामीण समाज में असंतोष बढ़ा।

किस प्रकार से ब्रिटिश शासन ने भारतीय कृषि को प्रभावित किया?

medium

Answer: ब्रिटिश शासन ने भारतीय कृषि को इस प्रकार प्रभावित किया कि उन्होंने व्यापारिक फसलों के उत्पादन को बढ़ावा दिया और परंपरागत फसलों की उपेक्षा की। इस प्रकार कृषि का व्यवसायीकरण हुआ और कृषकों के फायदे में कमी आई।