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Chapter Analysis
Intermediate38 pages • HindiQuick Summary
यह अध्याय उपभोक्ता के व्यवहार और चयन की प्रक्रियाओं को समझाता है। इसमें उपभोक्ता की प्राथमिकताओं, बजट बंधनों और चयन के सिद्धांत पर चर्चा की गई है। इसके अंतर्गत उपभोक्ता संतुलन, उपयोगिता, और माँग व आपूर्ति की बजाय उपभोक्ताओं के निर्णय को समझने के तरीकों को विस्तार से समझाया गया है।
Key Topics
- •उपभोक्ता संतुलन
- •बजट लाइन
- •उपयोगिता
- •माँग और आपूर्ति
- •उपभोग संयोजन
- •उपभोक्ता प्राथमिकताएं
Learning Objectives
- ✓उपभोक्ता के बजट और प्राथमिकताओं को समझना
- ✓उपभोक्ता संतुलन की प्रक्रिया को मापना
- ✓उपयोगिता का सिद्धांत समझना
- ✓चयन और संयोजन के अर्थशास्त्रीय महत्व को जानना
Questions in Chapter
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Additional Practice Questions
उपभोक्ता के बजट लाइन और चयन को कैसे मापा जाता है?
mediumAnswer: उपभोक्ता का बजट लाइन उनकी आर्थिक सीमाओं के साथ चयन का एक ग्राफिकल प्रतिनिधित्व होता है। इसे इस प्रकार मापा जाता है कि अगर वह अपनी समस्त आय को खर्च करे तो वह कितनी मात्रा में दो वस्तुएं खरीद सकता है।
उपभोक्ता संतुलन का गणितीय समीकरण क्या है?
easyAnswer: उपभोक्ता संतुलन का गणितीय समीकरण M = P1X1 + P2X2 होता है, जहाँ M बजट, और X1, X2 वस्तुओं की मात्रा होती है।
उपभोग संयोजन कैसे नापा जाता है?
mediumAnswer: उपभोग संयोजन का माप उत्पादन और भोगविलास के स्तर से किया जाता है। यह प्रदर्शित करता है कि कैसे उपभोक्ता विभिन्न संयोजनों के बीच अपने संसाधनों का चयन करता है।
उपभोक्ता की प्राथमिकताओं का क्रम कैसे निश्चित किया जाता है?
mediumAnswer: उपभोक्ता की प्राथमिकताओं का क्रम उनकी उपयोगिता के सिद्धांत पर निर्भर करता है, जिसमें वह बड़ी संख्या में उपयोगिता देने वाली वस्तुओं को प्राथमिकता देता है।
उपभोक्ता व्यवहार का अर्थशास्त्रीय महत्व क्या है?
mediumAnswer: उपभोक्ता व्यवहार अर्थव्यवस्था का एक महत्वपूर्ण पहलू है क्योंकि यह प्रदर्शित करता है कि उपभोक्ता कैसे अपने सीमित संसाधनों का उपभोग करते हैं और इससे बाजार की माँग और आपूर्ति पर प्रभाव पड़ता है।