Chapter 4: पूर्ण प्रतिस्पर्धा की स्थिति में फर्म का सिद्धांत
Microeconomics - Hindi • Class 12
Download PDFLoading PDF...
Chapter Analysis
Intermediate17 pages • HindiQuick Summary
यह अध्याय पूर्ण प्रतिस्पर्धा की स्थिति में फर्म के व्यवहार को समझने का प्रयास करता है। इसमें समग्र आपूर्ति और मांग के सिद्धांतों के साथ-साथ उत्पादन लागतों का विश्लेषण किया गया है। फर्म कैसे अधिकतम लाभ प्राप्त कर सकती है, इस पर भी चर्चा की गई है। सिद्धांत का विश्लेषण करके स्पष्ट किया गया है कि प्रतिस्पर्धात्मक बाज़ार में फर्म के उत्पादन निर्णय कैसे प्रभावित होते हैं।
Key Topics
- •पूर्ण प्रतिस्पर्धा
- •लाभ अधिकतमकरण
- •आपूर्ति और मांग
- •उत्पादन लागत
- •मार्जिनल रेवेन्यू
- •दीर्घकालीन संतुलन
- •बाज़ार मूल्य निर्धारण
- •लाभ
- •फर्म का प्रदर्शन
Learning Objectives
- ✓पूर्ण प्रतिस्पर्धा की विशेषताओं को समझना
- ✓फर्म के उत्पादन निर्णयों का विश्लेषण करना
- ✓लाभ अधिकतमकरण की प्रक्रिया का अध्ययन करना
- ✓दीर्घकालीन संतुलन की प्राप्ति के उपायों को जानना
- ✓उत्पादन लागतों और आपूर्ति के रिश्ते को समझना
Questions in Chapter
10 रूपये प्रति बक्स में एक फर्म की लड़ाई 50 रूपये की है। बाजार मूल्य बढ़कर 15 रूपये हो जाता है और अब फर्म की लड़ाई 150 रूपये की है। आपूर्ति वक्र की चमक क्या है?
Page 26
एक वस्तु की बाजार मूल्य 5 रूपये से बदलकर 20 रूपये हो जाती है। प्रारम्भ का स्थिर और अंतिम उत्पादन स्तर क्या होता है?
Page 27
10 रूपये बाजार मूल्य पर, एक फर्म का 4 बक्से का उत्पादन होता है। बाजार मूल्य बढ़कर 30 रूपये हो जाता है। फर्म की आपूर्ति की मात्रा 1-25 की है। नए मूल्य पर फर्म कितनी मात्रा की आपूर्ति करेगी?
Page 27
Additional Practice Questions
पूर्ण प्रतिस्पर्धा में फर्म के लिए लाभ अधिकतम करने की स्थिति क्या है?
mediumAnswer: पूर्ण प्रतिस्पर्धा में, फर्म तब तक उत्पादन को बढ़ाती है जबतक कि उसके मार्जिनल रेवेन्यू (MR) मार्जिनल कॉस्ट (MC) के बराबर न हो।
पूर्ण प्रतिस्पर्धा के बाज़ार की तीन विशेषताएं बताइए।
easyAnswer: पूर्ण प्रतिस्पर्धा के बाज़ार की विशेषताएं हैं: 1. अनेक खरीदार और विक्रेता। 2. एकरूप उत्पाद। 3. स्वतंत्र बाजार संगठन।
फर्म के लिए दीर्घकालिक संतुलन की स्थिति को कैसे हासिल किया जा सकता है?
hardAnswer: दीर्घकालिक संतुलन की स्थिति में, फर्म अपने दीर्घकालिक औसत लागत (LAC) का न्यूनतम स्तर प्राप्त करती है जिससे उसे सामान्य मुनाफा प्राप्त होता है।
क्योंकि सभी फर्में दीर्घकाल में सामान्य लाभ प्राप्त करती हैं, फिर भी बाजार में फर्मों के आने-जाने की प्रक्रिया क्यों होती रहती है?
mediumAnswer: बाजार में फर्मों के आने-जाने की प्रक्रिया प्रवेश अवरोध एवं बाजार आकर्षण के कारण होती है।
पूर्ण प्रतिस्पर्धा और एकाधिकार में मुख्य अंतर क्या हैं?
mediumAnswer: पूर्ण प्रतिस्पर्धा में अनेक विक्रेता होते हैं जबकि एकाधिकार में एकमात्र विक्रेता होता है। पूर्ण प्रतिस्पर्धा में फर्में लाभ अधिकतम करती हैं जब MR = MC, जबकि एकाधिकार में यह स्थिति भिन्न हो सकती है।
फर्म की आपूर्ति वक्र का निर्धारण कैसे किया जाता है?
hardAnswer: फर्म की आपूर्ति वक्र को उसकी मार्जिनल कॉस्ट कर्व के उस हिस्से को लिया जाता है जो औसत परिवर्ती लागत (AVC) से ऊपर है।
क्या एक फर्म की अल्पकालीन और दीर्घकालीन लाभ अधिकतमकरण स्थितियां समान होती हैं?
hardAnswer: समान नहीं होती। अल्पकालीन में फर्म अपने मौजूदा संसाधनों का उपयोग करती है, जबकि दीर्घकालीन में उत्पादन क्षमता को बदलाव कर सकती है।