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Chapter Analysis
Intermediate20 pages • HindiQuick Summary
इस अध्याय में वैद्युतचुंबकीय प्रेरण के मूलभूत सिद्धांतों की व्याख्या की गई है। फ़ैराडे के नियम और लेन्ज़ के नियम को विस्तार से प्रस्तुत किया गया है जिसमें उनके समीकरणों और अनुप्रयोगों पर ध्यान केंद्रित किया गया है। इसमें प्रेरण के परिणामस्वरूप उत्पन्न विद्युत चाल और विद्युत धारा के व्यवहार को भी समझाया गया है। विभिन्न निर्मितियाँ जैसे कि ट्रांसफार्मर और जनरेटर्स में प्रेरण की भूमिका को भी दर्शाया गया है।
Key Topics
- •फ़ैराडे का नियम
- •लेन्ज़ का नियम
- •विद्युत चाल की प्रेरण
- •ट्रांसफार्मर के कार्य
- •जनरेटर का सिद्धांत
- •प्रेरणमिति
- •विद्युत और चुम्बकीय क्षेत्र
Learning Objectives
- ✓विद्युतचुंबकीय प्रेरण के सिद्धांत को समझना
- ✓फ़ैराडे और लेन्ज़ के नियमों का अनुप्रयोग करना
- ✓प्रेरण के माध्यम से विद्युत चाल का निर्धारण करना
- ✓ट्रांसफार्मर और जनरेटर के कार्य प्रणाली को सीखना
- ✓विद्युत और चुम्बकीय क्षेत्रों के बीच संबंध स्थापित करना
Questions in Chapter
वैद्युतचुंबकीय प्रेरण का नियम क्या है?
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फ़ैराडे का नियम क्या निरूपित करता है?
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लेन्ज़ का नियम क्या कहता है?
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प्रेरित विद्युतचाल का मान निकालें।
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Additional Practice Questions
ट्रांसफार्मर में प्रेरण का क्या कार्य होता है?
mediumAnswer: ट्रांसफार्मर में प्रेरण विद्युत चाल का परिवर्तन करता है, जो उच्च और निम्न वोल्टेज के रूप में ऊर्जा का आदान-प्रदान करता है।
जनरेटर कैसे काम करता है?
hardAnswer: जनरेटर यांत्रिक ऊर्जा को विद्युत ऊर्जा में बदलता है, जिसमें प्रेरण के माध्यम से तुल्यकालिक गति में चुम्बकीय क्षेत्र घूमने से विद्युतचाल उत्पन्न होती है।
प्रेरणमापी कैसे कारगर सिद्ध होता है?
mediumAnswer: प्रेरणमापी परिवर्ती चुम्बकीय क्षेत्र में चालन पथ में उत्पन्न विद्युत चाल को मापकर, इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की दक्षता समझने में कारगर होता है।
ल्यॉपार्ड चाल का प्रयोग कहाँ होता है?
easyAnswer: ल्यॉपार्ड चाल का प्रयोग ट्रांसफार्मर के ट्यूलिपन को सुनिश्चित करने के लिए किया जाता है।
विद्युतचुम्बकीय क्षेत्र की ध्रुवता कैसे निर्धारित की जाती है?
mediumAnswer: विद्युतचुम्बकीय क्षेत्र की ध्रुवता को फेयराडे और लेन्ज़ के नियमों के अनुप्रयोग द्वारा निर्धारित किया जा सकता है।