Chapter 4: कर्मगौरवम

Sanskrit - Shashwati • Class 12

Download PDF

Loading PDF...

Chapter Analysis

Intermediate12 pages • Hindi

Quick Summary

कर्मगौरवम् नामक इस अध्याय में कर्म की महत्ता पर बल दिया गया है। इसमें बताया गया है कि प्रत्येक व्यक्ति को अपने कर्तव्यों का निर्वाह करना चाहिए और यह कैसे जीवन में सफलता और समृद्धि लाता है। यह अध्याय कर्म की ऊंचाइयों और उसके फलितार्थ पर भी प्रकाश डालता है, यह समझाते हुए कि बिना कर्म के कोई फल प्राप्त नहीं होता। ऐसे विचार भारतीय संस्कृति के मूलभूत सिद्धांतों को उजागर करते हैं।

Key Topics

  • कर्म का महत्व
  • जीवन में सफलता के सूत्र
  • श्रम और फल का संबंध
  • कर्मयोग
  • कर्म का भाग्य पर प्रभाव
  • संस्कृति में कर्म

Learning Objectives

  • छात्र कर्म के मूल सिद्धांतों को समझ सकेंगे।
  • कर्म और भाग्य के बीच के संबंध को स्पष्ट कर सकेंगे।
  • कर्मयोग के लाभों पर विचार कर सकेंगे।
  • विद्यार्थी कर्म के सामाजिक और व्यक्तिगत प्रभाव को पहचान सकेंगे।
  • अध्याय के माध्यम से संस्कृत भाषा सिख सकेंगे।

Questions in Chapter

१. कर्म के महत्त्व पर कुछ वाक्य लिखिए।

Answer: कर्म जीवन का मूल आधार है। प्रत्येक व्यक्ति को अपने कर्म के अनुसार फल मिलता है।

Page 42

२. 'कर्म' शब्द का अर्थ क्या है?

Answer: कर्म का अर्थ कार्य या श्रम है।

Page 43

३. भगीरथ प्रयास का क्या अर्थ है?

Answer: भगीरथ प्रयास का अर्थ अत्यधिक परिश्रम और लगनशीलता है।

Page 44

Additional Practice Questions

कर्म की अधिकता जीवन में कैसी भूमिका निभाती है?

medium

Answer: जीवन में कर्म की अधिकता हमारी उन्नति का आधार बनती है और यह सुनिश्चित करती है कि हम अपने लक्ष्यों को प्राप्त कर सकें।

कर्मयोग का क्या अर्थ है और यह कैसे जीवन को प्रेरित करता है?

hard

Answer: कर्मयोग का अर्थ कार्य के प्रति निष्पृह भाव से समर्पण करना है। यह व्यक्तिगत विकास और आत्म-साक्षात्कार के लिए प्रेरित करता है।

क्या 'कर्म' और 'भाग्य' को अलग किया जा सकता है?

medium

Answer: कर्म और भाग्य संबद्ध हैं; कर्म के अनुसार ही भाग्य निर्मित होता है। इस प्रकार, वे अलग नहीं किए जा सकते।

कर्म की भिन्नता के उदाहरण दें।

easy

Answer: शारीरिक और मानसिक श्रम, सेवा कार्य, अध्ययन और अध्यापन आदि कर्म की भिन्नताएं हैं।

कर्म का सामाजिक प्रभाव क्या है?

medium

Answer: कर्म का सामाजिक प्रभाव यह होता है कि यह समाज में एकता और प्रगति को बढ़ावा देता है।