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Chapter Analysis
Intermediate6 pages • HindiQuick Summary
विक्रमस्यौदार्यम् अध्याय में राजा विक्रमादित्य की उदारता और श्रेष्ठता का वर्णन मिलता है। इस अध्याय में बताया गया है कि कैसे विक्रम का धैर्य और दृष्टि उनहें महत्व देते हैं। उनकी उदारता का उदाहरण उनके द्वारा राज्य के प्रति उनका समर्पण और दूसरों की सहायता करना है। इस अध्याय में विक्रमादित्य के चरित्र और उनकी विशेषताओं का गुणगान किया गया है।
Key Topics
- •विक्रम की उदारता
- •राज्य की सेवा
- •धैर्य और साहस
- •न्याय और पारदर्शिता
- •समाज सेवा
- •सदाचार और नीति
- •नेतृत्व क्षमता
Learning Objectives
- ✓विक्रमादित्य के उदारचरित्र का अध्ययन
- ✓धैर्य और नेतृत्व के गुणों को पहचानना
- ✓न्यायिक और पारदर्शी शासन के लाभ समझना
- ✓विक्रमादित्य के प्रशासनिक कौशल की सराहना
Questions in Chapter
विक्रमस्य विशेषता कौन-कौन से हैं?
Answer: विक्रम की विशेषताएं उनके धैर्य, उदारता और समझदारी में निहित हैं।
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विक्रमादित्य ने अपने राज्य को कैसे सफल बनाया?
Answer: विक्रमादित्य ने पारदर्शिता और नम्रता से शासन करके अपना राज्य सफल बनाया।
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Additional Practice Questions
विक्रमादित्य की उदारता के कौन-कौन से उदाहरण दिये गए हैं?
mediumAnswer: विक्रमादित्य की उदारता के उदाहरण उनके द्वारा राज्य की सेवा, आवश्यकता अनुसार सहायता प्रदान करना और लोगों के प्रति उनके दृष्टिकोण में परिलक्षित होते हैं।
विक्रमादित्य की प्रशंसा क्यों की जाती है?
easyAnswer: विक्रमादित्य की प्रशंसा उनके चरित्र की विशेषता जैसे कि न्यायप्रियता, उनकी नेतृत्व क्षमता और उनकी लोगों के प्रति दया के कारण की जाती है।
विक्रमादित्य के शासन काल की विशेषताएँ क्या थीं?
hardAnswer: उनके शासन काल की प्रमुख विशेषताएँ थीं: सत्यनिष्ठा, आदान-प्रदान की नीति और विकास को प्राथमिकता देना।
विक्रमादित्य के समय में प्रशासनिक व्यवस्था कैसी थी?
mediumAnswer: विक्रमादित्य के समय प्रशासनिक व्यवस्था प्रभावी थी जहां नियमों का पालन सुनिश्चित किया जाता था और पारदर्शिता थी।
राजा विक्रमादित्य का दृष्टिकोण किस प्रकार से उन्हें श्रेष्ठ बनाता है?
easyAnswer: विक्रमादित्य का दृढ़ और दूरदर्शी दृष्टिकोण उन्हें श्रेष्ठ और प्रभावशाली शासक बनाता है।