Chapter 5: औद्योगिक समाज में परिवर्तन और विकास

Sociology Part 2 - Hindi • Class 12

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Chapter Analysis

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Quick Summary

इस अध्याय में औद्योगिक समाज में परिर्वतन और विकास की चर्चा की गई है। यह समाजशास्त्रीय विमर्श करता है कि कैसे औद्योगिकीकरण ने श्रम विभाजन, सामाजिक वर्ग, और रोजगार के अवसरों को प्रभावित किया है। साथ ही, वैश्वीकरण और उदारीकरण की नीतियों के तहत भारतीय उद्योगों के परिर्वतन का विश्लेषण किया गया है।

Key Topics

  • औद्योगिक समाज में श्रम विभाजन
  • वैश्वीकरण के प्रभाव
  • उदारीकरण की नीतियां
  • ऑटोमेशन और रोजगार
  • संगठित और असंगठित क्षेत्र का अध्ययन
  • सामाजिक असमानता

Learning Objectives

  • उदारीकरण के भारतीय समाज पर प्रभाव का विश्लेषण करना
  • औद्योगिकीकरण से संबंधित समाजशास्त्रीय सिद्धांतों की समझ
  • वैश्वीकरण द्वारा उद्योगों के परिर्वतन की व्याख्या करना
  • संगठित और असंगठित क्षेत्र की विशेषताओं का विमर्श करना
  • आधुनिक समाज में सामाजिक असमानताओं का विश्लेषण करना

Questions in Chapter

अपने आस-पास वाले किसी भी व्यवसाय को चुनिए और इसका वर्णन निम्नलिखित बिंदुओं में कीजिए— (क) कार्य शक्ति का सामाजिक संरचना– जाति, जेंडर, आयु, क्षेत्र; (ख) मजदूरी प्रक्रिया– काम किस तरह किया जाता है; (ग) वेतन एवं अन्य सुविधाएं; (घ) कार्यावस्था– सुरक्षा, आराम का समय, कार्य के घंटे इत्यादि।

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उदारीकरण ने रोजगार के प्रतिमानों को किस प्रकार प्रभावित किया है?

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Additional Practice Questions

औद्योगिक समाज के विकास में श्रम विभाजन का क्या महत्व है?

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Answer: औद्योगिक समाज में श्रम विभाजन उत्पादन की दक्षता और विशेष योग्यता के विकसित होने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इससे उत्पादन प्रक्रियाएं अधिक संगठित और प्रभावी होती हैं।

भारत में वैश्वीकरण के क्या प्रभाव रहे हैं?

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Answer: भारत में वैश्वीकरण ने विपणन तंत्र को खोलकर विदेशी निवेश में वृद्धि की और आर्थिक प्रतिस्पर्धा को प्रोत्साहन दिया है, जिससे आर्थिक विकास में तेजी आई है।

ऑटोमेशन से श्रमिकों के कार्य की प्रकृति कैसे प्रभावित होती है?

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Answer: ऑटोमेशन से श्रमिकों के कई पारंपरिक कार्य कंप्यूटर और मशीनों द्वारा किए जा रहे हैं, जिससे कुशल श्रमिकों की आवश्यकता बढ़ती जा रही है और कुछ नौकरियां समाप्त हो रही हैं।

असंगठित क्षेत्र में कार्यरत श्रमिकों की मुख्य समस्याएं क्या हैं?

medium

Answer: असंगठित क्षेत्र में कार्यरत श्रमिकों को अक्सर न्यूनतम वेतन, असुरक्षित कार्यावस्था, और कोई सामाजिक सुरक्षा नहीं मिलती।

उदारीकरण के आर्थिक सुधारों के सोशल प्रभाव क्या हैं?

medium

Answer: उदारीकरण के आर्थिक सुधारों से सामाजिक ध्रुवीकरण बढ़ा है, जिसमें अमीर और गरीब के बीच की खाई चौड़ी हो गई है।