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Chapter Analysis
Beginner4 pages • HindiQuick Summary
यह अध्याय थाथू और उसके दादा जी ('थाथू') के बीच एक विशेष रिश्ते की कहानी है। थाथू अपने दादा जी के साथ समुद्र तट पर जाती है, कहानियाँ सुनती है, और उनके साथ अद्भुत कल्पनाएँ करती है। लेखक ने दादा पोती के इस भावनात्मक संबंध को बहुत ही सरल और प्रेमपूर्ण ढंग से प्रस्तुत किया है।
Key Topics
- •दादा पोती का रिश्ता
- •समुद्र तट का अनुभव
- •प्रकृति के साथ संबंध
- •कल्पना और वास्तविकता
- •प्रेम और भावनात्मक जुड़ाव
Learning Objectives
- ✓छात्र अध्याय के प्रसंग को समझ सकें।
- ✓छात्र दादा-पोती के संबंध की महत्ता को जान सके।
- ✓छात्र इस बात की समझ विकसित कर सकें कि परिवार का प्रेम क्या होता है।
- ✓छात्र कल्पना और वास्तविकता के बीच का अंतर समझ सकें।
Questions in Chapter
सही जगह पर िंद्रशबंदु लगाकर अपनी कॉपी में शलशिए – ऊची-नीची लहरें मरेे चारों तरर उठती-सगरती हैं।
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नीे शदए गए िबद उलट-पलट हो गए हैं। िबदरों को सही क्रम में लगाकर वाकय अपनी कॉपी में शलशिए – साथ ्े रहती हू ँमैं दादाजी।
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Additional Practice Questions
थाथू अपने दादा जी को 'थाथा' क्यों बुलाती है?
easyAnswer: थाथू अपने दादा जी को जब बहुत प्यार से बुलाती है तो 'थाथा' कहती है।
अध्याय में थाथू और उसके दादा जी के बीच क्या खास रिश्ता बनाया गया है?
mediumAnswer: अध्याय में थाथू और उसके दादा जी के बीच एक विशेष भावनात्मक रिश्ता दिखाया गया है, जो आपसी प्रेम और समझ का प्रतीक है।
समुद्र तट पर थाथू दादा जी के साथ क्या करती है?
easyAnswer: थाथू दादा जी के साथ समुद्र तट पर जाती है, ऊँची-नीची लहरों का आनंद लेती है और कहानियाँ सुनती है।
थाथू की सबसे प्यारी याद कौन सी है जो उसने अपने दादा जी के साथ साझा की?
mediumAnswer: थाथू का दादा जी की गोदी में सिर रख कर सोने और कल्पनाएँ करने की याद सबसे प्यारी है।
आपका इस अध्याय से क्या सिखने को मिलता है?
hardAnswer: इस अध्याय से सिखने को मिलता है कि परिवार और विशेष रूप से दादा-दादी के संबंध में कितना प्रेम और खुशी हो सकती है।