Chapter 17: बोलने वाली माँद

Hindi • Class 3

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Chapter Analysis

Beginner10 pages • Hindi

Quick Summary

इस कहानी में एक सिंह जिसका नाम झरणीर था, एक जंगल में रहता था। एक दिन भूख के कारण उसने पूरे जंगल में शिकार की खोज की लेकिन कुछ भी नहीं मिला। अंत में वह एक माँद में जाकर छुप गया। उसी माँद में धिपचूछ नाम का जानवर रहता था, जिसे सिंह का पता चला तो उसने चालाकी से माँद से बचकर निकलने की योजना बनाई। धिपचूछ ने सिंह को माँद की बोलती आवाज का भ्रम देकर छलपूर्वक वापस लौट जाने के लिए मजबूर कर दिया।

Key Topics

  • सिंह की भूख
  • माँद में छुपना
  • धिपचूछ की चतुराई
  • माँद का बोलना
  • जानवरों की बुद्धिमानी
  • सिंह का भ्रम
  • कहानी से सीख
  • जंगल का जीवन

Learning Objectives

  • छात्रों को कहानियों के माध्यम से नैतिक शिक्षा देना
  • चतुराई से समस्याओं का समाधान निकालने की कला सीखना
  • जंगल के जीवन के बारे में जानकारी प्राप्त करना
  • संबंधित शब्दावली को समझना और उपयोग करना

Questions in Chapter

धिपचूछ ने कैसे जाना कि माँद में झरणीर बैठा है?

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इस कहानी में सिंह का नाम झरणीर है और जनावर का नाम धिपचूछ, आप इनके क्या नाम रखेंगे?

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यदि आप सिंह के स्थान पर होते तो क्या करते?

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जब जनावर ने पुकारा, 'ऐ मेरी माँद, ऐ मेरी माँद', तब सिंह ने उत्तर दिया। सिंह ने उत्तर में क्या कहा होगा?

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Additional Practice Questions

सिंह का मुख्य उद्देश्य क्या था जब उसने माँद में प्रवेश किया?

easy

Answer: सिंह का मुख्य उद्देश्य माँद में प्रवेश करके वहाँ रहने वाले पशु का शिकार करना था।

धिपचूछ ने सिंह से बचने के लिए कौनसी चालाकी दिखाई?

medium

Answer: धिपचूछ ने सिंह को बुलाने के बाद माँद के बोलने की आवाज का भ्रम देकर छलपूर्वक सिंह को विश्वास दिलाया।

अगर माँद सचमुच बोल सकती, तो आपकी कल्पना में वह सिंह को क्या जवाब देती?

hard

Answer: माँद सिंह को चेतावनी देती कि अंदर कोई नहीं है और सिंह को यहाँ से जल्द से जल्द निकल जाना चाहिए।

आपके अनुसार, जनावर को माँद से कैसे सतर्कता दिखानी चाहिए थी?

medium

Answer: जनावर को माँद के बाहर से ही सिंह के पदचिन्हों को देखकर अन्दर जाने से पहले ही सतर्क रहना चाहिए था।

इस कहानी से आपने कौनसी नैतिक शिक्षा या संदेश सीखा?

easy

Answer: इस कहानी से यह सीख मिलती है कि संकट के समय में सूझबूझ और चतुराई से काम लेने पर विपत्ति को टाला जा सकता है।