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Chapter Analysis
Intermediate6 pages • HindiQuick Summary
इस अध्याय में रहीम के प्रसिद्ध दोहों का संग्रह प्रस्तुत किया गया है, जिसमें जीवन के महत्वपूर्ण पहलुओं जैसे प्रेम, मित्रता और व्यवहारिक ज्ञान पर आधारित संदेश दिए गए हैं। रहीम के दोहे लोगों को सोच-समझकर बोलने और सही मार्गदर्शन प्राप्त करने के लिए प्रेरित करते हैं। यह अध्याय छात्रों को साहित्यिक धरोहरों के प्रति जागरूक और प्रेरित करता है।
Key Topics
- •प्रेम और सम्बंध
- •मित्रता का महत्व
- •जल का महत्व
- •उदारता और परोपकार
- •जीवन में संतुलन
Learning Objectives
- ✓रहीम के दोहों के अर्थ और संदेश को समझना
- ✓व्यक्तिगत और सामाजिक जीवन में प्रेम एवं मित्रता का महत्व जानना
- ✓प्राकृतिक संसाधनों का महत्व और संवर्धन का ज्ञान प्राप्त करना
- ✓उदारता और परोपकार की भावना को प्रोत्साहित करना
Questions in Chapter
“रहिमन हिह्ा बावरी, कहि गइ सरग िताल। आि ुतो कहि भीतर रिी, ितूी िात किाल।” दोि ेका भाव ि—ै
Answer: सोच-समझकर बोलना चाहिए।
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“रहिमन दहेि बडेन को, लघ ुन दीहिये डारर। ििाँ काम आवे सईु, किा करे तलवारर।” इस दोि ेका भाव ्या ि?ै
Answer: सईु का काम तलवार निीं कर सकती।
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Additional Practice Questions
रहीम के अनुसार मित्रता के धागे को क्यों नहीं तोड़ना चाहिए?
mediumAnswer: क्योंकि टूटी हुई मित्रता के धागों को जोड़ने पर गाँठ पड़ जाती है, जिससे संबन्ध की सहजता चली जाती है।
रहीम का 'जल' का महत्व क्या है और उनके किस दोहे में इसका उल्लेख है?
mediumAnswer: रहीम के अनुसार 'जल' के बिना मोती, मानुष और चून का अस्तित्व संभव नहीं है, इसलिए इसका महत्व है। यह रहीम के दोहे 'रहिमन पानी राखिये, बिन पानी सब सून।' में उल्लेखित है।
रहीम ने 'तरुवर' और 'सरवर' का उदाहरण किस मानवीय गुण के लिए दिया है?
mediumAnswer: रहीम ने 'तरुवर' और 'सरवर' का उदाहरण देने के माध्यम से उदारता और लाभकारी प्रवृत्ति के गुण को प्रकट किया है।
प्रेम के धागे के लिए रहीम ने 'धागा' का उपयोग क्यों किया है?
easyAnswer: रहीम का मानना है कि प्रेम की डोर एक सूक्ष्म धागे की भांति होती है, जिसे यदि तोड़ दिया जाए तो वह आसानी से नहीं जुड़ती।
सही मित्र की पहचान के लिए रहीम ने क्या सलाह दी है?
hardAnswer: रहीम ने कहा है कि सही मित्र का परीक्षण कसौटी पर ही हो सकता है, जैसा कि 'कहि रहीम संहित सगे, बनत बुत भली रीत।' में कहा गया है।