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Chapter Analysis
Beginner8 pages • HindiQuick Summary
इस अध्याय में शरीर के विभिन्न अंगों के महत्व को बताया गया है। माधव नामक बालक के माध्यम से समझाया गया है कि हर अंग अपनी भूमिका में श्रेष्ठ है और सभी अंग मिलकर सहायक होते हैं। अंगों के आपसी संवाद द्वारा यह दिखाया गया है कि किस प्रकार हर अंग अपनी विशेषता के कारण आवश्यक है। यह अध्याय हमें यह संदेश देता है कि हमें किसी भी अंग को कम नहीं आंकना चाहिए।
Key Topics
- •शरीर के अंगों का महत्त्व
- •अंगों की आपसी बातचीत
- •माधव का दृष्टिकोण
- •अंग-विशेष की भूमिका
- •सहयोग और समानता
- •संवाद के माध्यम से सीख
- •विभिन्न अंगों के कार्य
Learning Objectives
- ✓शरीर के अंगों की उपयोगिता समझना
- ✓सभी अंगों के महत्व को समान रूप से पहचानना
- ✓शरीर के अंगों में सहयोग को समझना
- ✓स्वस्थ शरीर के लिए सभी अंगों का महत्व जानना
- ✓अंगों की आपसी सहकारिता का महत्व समझना
Questions in Chapter
ह्चतं् दृष््वा अङ्गसय नाम हिखनततु।
Answer: उत्तर के लिए पाठ को पढ़ कर नाम लिखना होगा।
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कोषठकात ्समतुह्चतं हरियापद ंह्चतवा उदािरणानतुसारम ्अङ्गसय कायथं हिखनततु।
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Additional Practice Questions
किस प्रकार शरीर के अंग परस्पर एक-दूसरे के पूरक होते हैं?
mediumAnswer: हर अंग अपनी विशेष भूमिका निभाता है, जैसे आँखें देखने के लिए, कान सुनने के लिए, मुँह बोलने और खाने के लिए इत्यादि सभी मिलकर शरीर को पूर्ण रूप से कार्यशील बनाते हैं।
माधव ने किन अंगों के उपयोग से कौन-कौन से कार्य किए?
easyAnswer: माधव देखता है आँखों से, सुनता है कानों से, बोलता है मुँह से, भोजन प्राप्त करता है पेट से, चलता है पैरों से। इसी प्रकार, प्रत्येक अंग अपनी उपयोगिता में महत्वपूर्ण है।
क्या होता है यदि किसी अंग में कोई समस्या आ जाये?
hardAnswer: यदि किसी अंग में समस्या आती है, तो उसका प्रभाव सम्पूर्ण शरीर पर पड़ता है, जिससे व्यक्ति सामान्य कार्य करने में अक्षम हो सकता है।
शरीर के अंगों के महत्त्व के बारे में माधव का क्या दृष्टिकोण था?
mediumAnswer: माधव का मानना था कि उसकी शरीर के सभी अंग उसकी सहायता के लिए अत्यावश्यक और श्रेष्ठ हैं। वह सभी अंगों को समान दृष्टि से देखता था।