Chapter 6: अंतिम दौर – एक

Hindi - Bharat Ki Khoj • Class 8

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Chapter Analysis

Intermediate10 pages • Hindi

Quick Summary

इस अध्याय में भारतीय समाज और संस्कृति के विकासक्रम का गहन विश्लेषण किया गया है। यह प्रारंभिक साम्राज्यवादी प्रभावों से लेकर आधुनिक चिंतन तक की यात्रा पर प्रकाश डालता है। इसमें विभिन्न धार्मिक और सामाजिक सुधार आंदोलनों का वर्णन है जो भारत के आत्मपरिवर्तन के लिए महत्वपूर्ण सिद्ध हुए। देश की सांस्कृतिक बहुलता और पुरानी परंपराओं के पुनरुत्थान पर विशेष ध्यान दिया गया है।

Key Topics

  • साम्राज्यवाद का प्रभाव
  • धार्मिक सुधार आंदोलन
  • सांस्कृतिक पुनरुत्थान
  • आधुनिक शिक्षा का विकास
  • राष्ट्रीय एकता
  • स्वतंत्रता संग्राम
  • वैचारिक परिवर्तन
  • सांस्कृतिक बहुलता

Learning Objectives

  • भारत की सांस्कृतिक धरोहर को समझना
  • सामाजिक सुधार आंदोलनों का अध्ययन करना
  • आधुनिक भारत की चुनौतियों और उपलब्धियों का विश्लेषण करना
  • भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के प्रमुख तत्वों को पहचानना

Questions in Chapter

इस अध्याय में सुधार आंदोलनों का क्या महत्व है?

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भारतीय समाज के किस किस वर्ग ने आधुनिक चिंतन को अपनाया?

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Additional Practice Questions

कैसे भारतीय समाज ने औपनिवेशिक शासन का सामना किया?

medium

Answer: भारतीय समाज ने औपनिवेशिक शासन का सामना विभिन्न सुधार आंदोलनों और सांस्कृतिक पुनरुत्थान के माध्यम से किया। उन्होंने पश्चिमी शिक्षा प्रणाली और वैचारिक आदान-प्रदान को अपनाया ताकि वे औपनिवेशिक ताकतों के आगे झुकने से बच सकें।

विभिन्न धार्मिक सुधार आंदोलनों का योगदान क्या रहा?

medium

Answer: विभिन्न धार्मिक सुधार आंदोलनों, जैसे आर्य समाज और ब्रह्म समाज, ने समाज में व्याप्त कुरीतियों को मिटाने और धार्मिक अंधविश्वासों को चुनौती देने में योगदान दिया। उन्होंने मानवाधिकार और शिक्षा के प्रसार को भी प्रमोट किया।

भारत में सांस्कृतिक बहुलता का क्या महत्व है?

easy

Answer: भारत की सांस्कृतिक बहुलता ने विभिन्न धर्मों, भाषाओं, और परंपराओं को एक समान मंच पर लाकर विविधता के साथ सामंजस्य स्थापित किया। यह बहुलता भारत की सांस्कृतिक धरोहर का एक अमूल्य हिस्सा है।

आधुनिक भारत के निर्माण में किस प्रकार की चुनौतियाँ आई?

hard

Answer: आधुनिक भारत के निर्माण में उपनिवेशवाद, सांप्रदायिक तनाव और गरीबी जैसी चुनौतियाँ आईं। इनसे उबरने के लिए व्यापक सामाजिक सुधार और औद्योगिक विकास की दिशा में प्रयास करने की आवश्यकता थी।

स्वतंत्रता और स्वायत्तता प्राप्त करने में भारतीय जनता की भूमिका पर प्रकाश डालें।

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Answer: स्वतंत्रता और स्वायत्तता प्राप्त करने में भारतीय जनता ने अहिंसात्मक आंदोलन और सविनय अवज्ञा के माध्यम से अद्वितीय त्याग और समर्पण का प्रदर्शन किया। महात्मा गांधी के नेतृत्व में हुए आंदोलनों ने जनता को राष्ट्रीय एकता के लिए प्रेरित किया।