Chapter 13: अन्याय के खिलाफ

Hindi - Durva • Class 8

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Chapter Analysis

Intermediate8 pages • Hindi

Quick Summary

इस अध्याय में अन्याय के खिलाफ लड़ाई के अनेक पक्षों को उजागर किया गया है। इसमें बताया गया है कि किस प्रकार से ब्रिटिश हुकूमत के खिलाफ भारत के लोग संघर्षरत हुए। विशेष रूप से जमींदारों और किसानों के उत्पीड़न का उल्लेख है और कैसे जागरूकता फैलाई गई कि बिना संघर्ष के आजादी नहीं मिल सकती। यह कहानी स्वतंत्रता संग्राम के समय गरीबी, उत्पीड़न और विद्रोह के माहौल को दर्शाती है।

Key Topics

  • ब्रिटिश शासन का अत्याचार
  • किसानों का उत्पीड़न
  • स्वतंत्रता संग्राम का प्रभाव
  • जमींदारों और किसानों के संघर्ष
  • अन्याय के खिलाफ आंदोलन

Learning Objectives

  • ब्रिटिश शासन के समय के सामाजिक और आर्थिक समस्याओं को समझना
  • स्वतंत्रता संग्राम के विभिन्न चरणों का अध्ययन
  • किसानों और जमींदारों की भूमिका का विश्लेषण
  • अन्याय के खिलाफ संघर्ष के तरीकों की पहचान करना

Questions in Chapter

वकाज़ों के कुछ तँग रास्तों में विपिन बाबू फँस जाते है।?

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काहानी में अन्याय के खिलाफ संघर्ष की राह किसे दर्शाती है?

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Additional Practice Questions

रमाशंकर पांडे की भूमिका क्या रही?

medium

Answer: रमाशंकर पांडे ने ब्रिटिश सरकार के अनियमित कार्यों के खिलाफ आवाज उठाई और लोगों को न्याय व समानता के लिए प्रेरित किया।

ब्रिटिश शासन के दौरान किसानों की स्थिति का वर्णन करें।

hard

Answer: किसानों को भारी कर और उत्पीड़न का सामना करना पड़ता था। उनकी जमीनें जबरदस्ती छीन ली जाती थी और उन्हें न्यूनतम मजदूरी पर काम करने को मजबूर किया जाता था।

अध्याय में झूलते रह गए प्रश्न कौन-कौन से हैं?

medium

Answer: क्या स्वतंत्रता संग्राम के नेताओं की रणनीति सही थी? क्या भारतीय किसान पूरी तरह से संगठित हो पाए थे?

क्या भारतीय स्वतंत्रता संग्राम ब्रिटिश राजनीति पर प्रभाव डाल सका?

hard

Answer: हाँ, भारतीय स्वतंत्रता संग्राम ने ब्रिटिश राजनीति और उनके नीतियों को चुनौती दी, जिससे उन पर दबाव बढ़ा और अंततः भारत को स्वतंत्रता मिली।

अध्याय के प्रमुख पात्र कौन-कौन हैं और उनकी भूमिकाएं क्या हैं?

easy

Answer: मुख्य पात्र हैं रमाशंकर पांडे जो स्वतंत्रता संग्राम के नेता थे और विपिन बाबू जो ब्रिटिश उत्पीड़न के खिलाफ विरोध की आवाज थे।