Chapter 7: महिलाएँ, जाति और सुधार

History - Hindi • Class 8

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Chapter Analysis

Intermediate16 pages • Hindi

Quick Summary

यह अध्याय महिलाओं, जाति और समाज सुधार के संघर्षों पर केंद्रित है। अठारहवीं और उन्नीसवीं सदी के दौरान महिलाओं के अधिकारों की लड़ाई, शिक्षा का प्रसार, और समाज में जाति व्यवस्था के खिलाफ सुधार आंदोलनों की चर्चा की गई है। इसमें विभिन्न सुधारकों की भूमिका, जैसे ज्योतिबा फुले और बी.आर. अंबेडकर, जिन्होंने समानता की प्राप्ति के लिए अथक प्रयास किए, को रेखांकित किया गया है। पूरा परिप्रेक्ष्य यह दर्शाता है कि कैसे समाज में स्त्री-पुरुष समानता और जाति व्यवस्था के उन्मूलन की मांग की गई।

Key Topics

  • महिलाओं की शिक्षा
  • जाति व्यव्स्था का विरोध
  • सुधारकों के योगदान
  • उन्नीसवीं सदी के सामाजिक बदलाव
  • समानता के लिए संघर्ष

Learning Objectives

  • समाज सुधार के महत्व को समझना
  • महिलाओं की शिक्षा के विस्तार की आवश्यकता
  • समानता के लिए आदर्शवादी विचारों की पहचान
  • जाति व्यव्स्था के उन्मूलन के लिए ऐतिहासिक प्रयास

Questions in Chapter

प्रयाचीन ग्रंथों के ज्ञान से सुधारकों को नए कानून बनवाने में किस तरह मदद मिली?

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लड़कियों को स्कूल न भेजने के पीछे लोगों के प्रयास कौन-कौन से कारण होते थे?

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ईसाई प्रचारकों की बहुत सारे लोग क्यों आलोचना करते थे? क्या कुछ लोगों ने उनका समर्थन भी किया होगा? यदि हाँ तो किस कारण?

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Additional Practice Questions

महिलाओं की स्थिति में सुधार कैसे आए?

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Answer: सुधारक पुरुषों द्वारा शिक्षा और रोजगार के अवसरों की मांग के साथ, महिलाओं के लिए समानता और स्वतंत्रता की आवाज उठाई गई। महिलाओं की शिक्षा पर जोर दिया गया, जिससे वे समाज में अपने अधिकारों के प्रति जागरूक हो सकें।

जाति व्यव्स्था के खिलाफ किस प्रकार के सुधार किए गए?

hard

Answer: जाति व्यव्स्था के खिलाफ सुधारकों ने दलितों के लिए शिक्षा और रोजगार के अवसर प्रदान करने की मांग की। उन्होंने इस परिप्रेक्ष्य में समाज में समता लाने के लिए आंदोलन किए।