Chapter 4: सदैव पुरतो निधेहि चरणम

Sanskrit • Class 8

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Chapter Analysis

Intermediate5 pages • Hindi

Quick Summary

यह अध्याय एक प्रेरणादायक कविता है जो सतत प्रयास और आत्मविश्वास की महत्ता पर प्रकाश डालती है। कवि ने जीवन में आगे बढ़ने और कठिनाइयों का सामना करने की प्रेरणा दी है। पाठ के ज़रिए यह संदेश दिया गया है कि हमें सदैव अपने लक्ष्य की ओर अग्रसर रहना चाहिये।

Key Topics

  • आत्मविश्वास
  • अध्यवसाय
  • लक्ष्य
  • प्रेरणा
  • सतत प्रयास
  • जीवन संघर्ष
  • धैर्य
  • स्वनिर्णय

Learning Objectives

  • छात्रों को आत्मविश्वास बढ़ाना
  • कठिनाइयों का सामना करने की सीख देना
  • जीवन में दृढ़ता अपनाने के लाभ समझाना
  • स्वनिर्णय और अपनी क्षमता पर विश्वास
  • सतत प्रयास करने के महत्त्व को समझाना

Questions in Chapter

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Additional Practice Questions

सदैव प्रयत्न करते रहने का महत्त्व क्या होता है?

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Answer: सदैव प्रयत्न करने से हम कोई भी लक्ष्य प्राप्त कर सकते हैं और यह आत्मविश्वास को भी बढ़ाता है।

कविता में कवि किस प्रकार की प्रेरणा देने की कोशिश की है?

medium

Answer: कवि ने जीवन में दृढ़ता और अध्यवसाय को अपनाने की प्रेरणा दी है, ताकि हम किसी भी परिस्थिति में घबराए नहीं।

जीवन में सफलता के लिए कौन से गुण महत्वपूर्ण होते हैं?

easy

Answer: सदैव अग्रसर रहने की प्रवृत्ति, संघर्षरत रहने की क्षमता और आत्मनिर्भरता जैसे गुण सफलता के लिए महत्वपूर्ण होते हैं।

कवि के अनुसार जीवन में आगे बढ़ने के लिए हमें क्या अपनाना चाहिए?

hard

Answer: कवि के अनुसार जीवन में आगे बढ़ने के लिए हमें धैर्य, दृढ़ता, और निरंतर कर्मशीलता अपनानी चाहिए।

कविता में 'सदैव पुरतो निधेहि चरणम' का क्या अर्थ है?

medium

Answer: इसका अर्थ है 'सदैव आगे बढ़ते चलो'। यह प्रेरणा देता है कि हम रुकें नहीं और अपने लक्ष्यों की ओर बढ़ते रहें।