Chapter 5: प्रेमचंद के फटे जूते

Hindi - Kshitij • Class 9

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Chapter Analysis

Intermediate7 pages • Hindi

Quick Summary

यह अध्याय प्रेमचंद के जीवन और उनकी साहित्यिक प्रेरणाओं पर आधारित है। लेखक ने उनके फटे जूते के माध्यम से उनके संघर्षशील जीवन को दर्शाया है। प्रेमचंद की कहानी से हमें उनके सामाजिक और आर्थिक संघर्षों का पता चलता है। यह अध्याय हमें यह सिखाता है कि छोटे-छोटे साधनों के बावजूद भी एक लेखक का आत्मनिर्भरता और सृजनशीलता कितनी महत्वपूर्ण होती है।

Key Topics

  • प्रेमचंद का जीवन संघर्ष
  • साहित्यिक योगदान
  • सामाजिक समस्याएँ
  • आर्थिक संघर्ष
  • कोमल भावनाएँ
  • सृजनशीलता
  • आत्मनिर्भरता

Learning Objectives

  • प्रेमचंद के जीवन के संघर्षों को समझना
  • उनके साहित्य में सामाजिक समस्याओं की पहचान करना
  • सृजनात्मकता की महत्वपूर्णता को समझना
  • प्रेमचंद की रचनाओं का प्रभाव अध्ययन करना
  • साहित्य के माध्यम से समाज में परिवर्तन की क्षमता को देखना

Questions in Chapter

१- गफार अहमद इलाही ने प्रेमचंद का जो 'शब्दचित्र' हमारे सामने प्रस्तुत किया है, उससे प्रेमचंद के व्यक्तित्व की कौन-कौन सी विशेषताएँ उभरकर आती हैं?

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२- सही कथन के सामने (✓) का निशान लगाएँ: (d) गाँव का दृश्य ठीक है, लेकिन पिछले दृश्य में बड़ा अंतर आ गया है जिसमें से वांगयी बाहर निकल आई है।

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Additional Practice Questions

प्रेमचंद ने अपने जीवन में किस प्रकार के संघर्ष किए?

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Answer: प्रेमचंद का जीवन संघर्षों से भरा था। आर्थिक स्थिति कमजोर होने के कारण उन्हें कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। उनके साहित्य में इन संघर्षों की झलक मिलती है, जहां उन्होंने समाज के निम्न और निम्न-मध्यवर्ग के लोगों की समस्याओं को उजागर किया है।

प्रेमचंद के साहित्यिक कार्यों का भारतीय समाज पर क्या प्रभाव पड़ा?

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Answer: प्रेमचंद के साहित्य ने भारतीय समाज पर गहरी छाप छोड़ी। उन्होंने सामाजिक समस्याओं को दर्दनाक और सत्य रूप में प्रस्तुत किया, जिससे समाज सुधार का मार्ग प्रशस्त हुआ। उनके कार्यों ने विशेष रूप से किसानों और निम्न वर्ग की समस्याओं को उजागर करके समाज में परिवर्तन लाने का प्रयास किया।