Chapter 8: उपसर्गाव्‍ययप्रत्‍यया:

Sanskrit - Abhyaswaan Bhav • Class 9

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Chapter Analysis

Intermediate14 pages • Hindi

Quick Summary

यह अध्याय उपसर्ग और प्रत्यय के प्रयोग और उनके द्वारा शब्दों के अर्थ में होने वाले परिवर्तन को समझाने पर केंद्रित है। इसमें विभिन्न प्रकार के उपसर्गों और प्रत्ययों के द्वारा धातुन के प्रयोग को विस्तार से समझाया गया है। साथ ही, कृदंत प्रत्यय और तद्धित प्रत्यय जैसे विषयों को भी स्पष्ट किया गया है। उपसर्ग जैसे 'अनु', 'प्र', 'वि', 'सं' आदि का प्रयोग परिचायक रूप में प्रस्तुत किया गया है।

Key Topics

  • उपसर्ग का परिचय
  • प्रत्यय का परिचय
  • विभिन्न प्रत्ययों के प्रकार
  • औपचारिक प्रत्ययों का प्रयोग
  • तद्धित प्रत्यय
  • अव्यय का प्रयोग
  • उपसर्ग-प्रत्यय संयोजन

Learning Objectives

  • उपसर्गों के प्रकार और उनके अर्थ को समझना
  • प्रत्ययों की पहचान और उनका सही प्रयोग सीखना
  • विभिन्न धातुओं के साथ उपसर्ग-प्रत्यय का उपयोग करना
  • अव्यय शब्दों के अर्थ और उपयोग को जानना
  • कृदंत प्रत्ययों के महत्व को समझाना

Questions in Chapter

उपसर्ग से युक्त धातु रूपों से रिक्त स्थानों की पूर्ति करें।

Page 94

समयोजन सेना के पदों से रिक्त स्थान भरें।

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Additional Practice Questions

उपसर्ग 'प्र' का विभिन्न धातुओं के साथ प्रयोग करके वाक्य बनाएं।

medium

Answer: प्रयोग के उदाहरण हैं: प्रगमन (आगे बढ़ना), प्रहसन (हँसना), प्रक्षेपण (फेंकना)।

तद्धित प्रत्ययों का उपयोग करके वाक्य बनाएं।

medium

Answer: तद्धित प्रत्यय के उपयोग से बने वाक्य: कृषि का विकास, ज्ञान की प्राप्ति।

उपसर्ग 'वि' के प्रयोग वाले तीन नए शब्द बनाएं।

easy

Answer: विश्लेषण, विवरण, विख्यात।

कृदंत प्रत्ययों पर संक्षिप्त नोट लिखें।

easy

Answer: कृदंत प्रत्यय वे होते हैं जिनका प्रयोग कर हमें धातु से विशेषण प्राप्त होता है, जैसे 'शिक्षित' में 'शिक्षा' धातु के आगे ई प्रत्यय का प्रयोग।

नि:शब्द, प्र:शंसा, सम:भाव जैसे अव्यय पदों पर ध्यान दें और इनके अर्थ स्पष्ट करें।

hard

Answer: नि:शब्द, प्र:शंसा, सम:भाव का क्रमशः अर्थ होता है बिना शब्द के, उच्च प्रशंसा, समान भाव।