Chapter 10: कारक और विभक्ति

Sanskrit - Vyakaranavithi • Class 9

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Chapter Analysis

Intermediate12 pages • Hindi

Quick Summary

यह अध्याय कारक और विभक्ति पर केंद्रित है, जहाँ कारक को वाक्य में क्रिया की सिद्धि के लिए सहायक तत्व के रूप में वर्णित किया गया है। इसमें कर्ता, कर्म, करण, संप्रदान, अपादान, और अधिकरण कारक जैसे विभक्तियों की व्याख्या की गई है। इससे सम्बंधित प्रकरणों के माध्यम से अध्याय में विभक्तियों का सही प्रयोग समझाया गया है।

Key Topics

  • कर्ता कारक
  • कर्म कारक
  • करण कारक
  • संप्रदान कारक
  • अपादान कारक
  • अधिकरण कारक
  • संबोधन
  • संबंधबोधन

Learning Objectives

  • कारकों के प्रकार को समझना।
  • विभक्तियों के सही उपयोग की क्षमता विकसित करना।
  • संस्कृत के वाक्यों में विभक्तियों का सही पहचान करना।
  • विभक्तियों के माध्यम से क्रियाओं का संबंध जानना।

Questions in Chapter

उचितविभक्तिप्रयोगं कृत्वा अव्यवस्थितपदानां साहाय्येन वाक्यानि कुरुत।

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कः ददाति?

Answer: यत: (कर्ता) प्रथमा विभक्ति

Page 113

Additional Practice Questions

संप्रदान विभक्ति का उदाहरण दीजिए।

easy

Answer: उदाहरण: मिता: मित्राय पुष्पं ददाति। यहाँ 'मित्राय' संप्रदान कारक है।

अधिकरण विभक्ति का उपयोग कहाँ होता है?

medium

Answer: अधिकरण विभक्ति कार्य के आधार के लिए होती है। उदहारण: मयूरः वने नृत्यति (यहाँ 'वने' अधिकरण कारक है)।