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Chapter Analysis
Beginner6 pages • HindiQuick Summary
इस अध्याय में संज्ञा, सर्वनाम और संख्यावाचक शब्दों के विभिन्न रूपों का विवरण दिया गया है। संज्ञा शब्दों को संस्कृत भाषा में अन्वय करने के लिए 'पद' में बदलना पड़ता है। विभिन्न विभक्तियों और वचनों में इन शब्दों के कई रूप बनाए जाते हैं।
Key Topics
- •संज्ञा
- •सर्वनाम
- •संख्यावाचक
- •विभक्ति
- •वचन
- •पद रूप
Learning Objectives
- ✓संज्ञा के विभिन्न स्वरूपों को समझना।
- ✓सर्वनाम के प्रयोग को समझना।
- ✓संख्यावाचक शब्दों को पहचानना।
- ✓विभक्तियों का सही प्रयोग करना सीखना।
Questions in Chapter
कोष्ठके प्रदत्तपदानां समुचितविभक्ति प्रयोगेण रिक्तस्थानं पूरयत— i) ..................... जलं पववृतं वत्वते। (ग�ा, षष्ठी, एकवचन)
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कोष्ठके प्रदत्तपेदभ्य: समुचितं पदं चयनं रिक्तस्थानं पूरयत— i) ................... उत्तमकार्यवर्णं कर्तव्यं। (वयं/युवाम/ते)
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Additional Practice Questions
उदाहरणों से विभक्तियाँ समझाइए।
mediumAnswer: विभक्तियाँ शब्दों में परिवर्तन लाने के लिए संस्कृत में प्रयोग होती हैं। ये संज्ञा, सर्वनाम और क्रिया के साथ प्रयोग की जाती हैं।
संज्ञा और सर्वनाम में क्या अंतर है?
easyAnswer: संज्ञा किसी वस्तु, व्यक्ति या स्थान का नाम होता है जबकि सर्वनाम संज्ञा का स्थान लेता है।