Chapter 7: अव्यय

Sanskrit - Vyakaranavithi • Class 9

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Chapter Analysis

Intermediate7 pages • Hindi

Quick Summary

यह अध्याय 'अव्यय' के प्रकार्य और उपयोग को समझाता है। अव्यय वे शब्द होते हैं जिनमें विभक्ति, वचन अथवा लिंग के अनुसार कोई परिवर्तन नहीं होता है। इसमें विभिन्न अव्ययों के अर्थ और उनके सही उपयोग के उदाहरण दिए गए हैं। इसके अतिरिक्त, कुछ अभ्यास प्रश्न भी दिए गए हैं जो छात्रों की अवधारणा को मजबूत करने में सहायक होते हैं।

Key Topics

  • अव्यय की परिभाषा
  • अव्यय के प्रकार
  • अव्यय के उदाहरण
  • अव्यय का उपयोग
  • अव्यय का साहित्यिक महत्व

Learning Objectives

  • अव्यय की पहचान करना
  • अव्यय शब्दों का वाक्यों में सही प्रयोग करना
  • अव्यय के विभिन्न प्रकारों को समझना
  • भाषा में अव्यय के महत्व का आकलन करना

Questions in Chapter

कोष्ठकये भ्य: शुद्धम अव्ययपदं चितवया रिकतस्रयानं पूरयत—i) अहम ............................ भ्रमणाय गमिष्यामि। (श्व:/ह्य:)

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अधोलिखितेषु वाक्येषु अव्ययपदानि चितवया लिखन्त— i) यावत् परीक्षा न समाप्ता तावत् परिश्रमं कुरु।

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Additional Practice Questions

वाक्य में अव्यय का उपयोग कैसे होता है?

medium

Answer: अव्यय शब्दों का उपयोग किसी भी वाक्य में किया जा सकता है जिसका कोई विभक्ति, वचन या लिंग संबंधी परिवर्तन नहीं होता। जैसे— 'अद्य' शब्द हर वाक्य में 'आज' का ही अर्थ देता है।

अव्यय शब्दों के उदाहरण दीजिए।

easy

Answer: उदाहरण के लिए— 'श्व:' (आने वाला दिवस), 'ह्य:' (बीता हुआ दिवस), 'यावत्' (जब तक) आदि अव्यय होते हैं।

अव्यय का महत्व क्या है?

hard

Answer: अव्यय का महत्व यह है कि यह व्यवहारिक वाक्य संरचना में स्थायित्व लाता है जो भाषा को अधिक सहज और प्रवाहपूर्ण बनाता है।