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Chapter Analysis
Intermediate15 pages • HindiQuick Summary
इस अध्याय में ऊतक विज्ञान पर प्रकाश डाला गया है, जिसमें प्राणी और पौधों के विभिन्न ऊतकों की संरचना और कार्यों का वर्णन किया गया है। ऊतकों के प्रकार जैसे स्थायी ऊतक, मृदु ऊतक, संरचना ऊतक, रक्षात्मक ऊतक आदि की विशेषताओं और उपयोगिता को समझाया गया है। कारणों और उनके जीवों में विभिन्न ऊतक समूहों की भूमिका का भी विस्तृत विवेचन किया गया है।
Key Topics
- •ऊतक के प्रकार
- •स्थायी ऊतक
- •जलदायी ऊतक
- •रक्षात्मक ऊतक
- •संरचनात्मक ऊतक
- •पारगम्य ऊतक
- •अवरोध ऊतक
- •विशिष्ट ऊतक समूह
Learning Objectives
- ✓ऊतकों की संरचना और कार्य की समझ विकसित करना
- ✓ऊतक के प्रकारों की पहचान और उनका महत्व सीखना
- ✓पौधों और प्राणियों में ऊतक की भूमिका समझना
- ✓ऊतक विज्ञान में विभिन्न शोध विधियों का अवलोकन करना
- ✓पारगम्य ऊतक की कार्यप्रणाली का अध्ययन करना
- ✓ऊतक विज्ञान का परिचय और उसकी प्रासंगिकता को समझना
Questions in Chapter
पौधों में सरल ऊतक स्थायी ऊतक से किस प्रकार भिन्न होते हैं?
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कोलेनकाइमा और स्क्लेरेंकाइमा के बीच भेद स्पष्ट करें।
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जहाज प्रणाली में कौन से आयाम होते हैं?
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प्रायद्वीपीय ऊतक का क्या कार्य है?
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प्रदत्त ऊतकों के प्रकार की पहचान करें।
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Additional Practice Questions
अवरोध ऊतक का क्या कार्य है?
mediumAnswer: अवरोध ऊतक पौधों की बाहरी परतों में पाया जाता है जो सूखे और रोगों के विरुद्ध सुरक्षा प्रदान करता है। यह संरचनात्मक उच्चता देता है और पानी के नुकसान को रोकता है।
कणिकीय ऊतक के प्रकार और कार्यों का विवरण दें।
mediumAnswer: कणिकीय ऊतक दो प्रकार के होते हैं: ब्रेख्यातमक और परिवर्ती। ये कोशिका सघन होते हैं जो पौधों को यांत्रिक सहारा देते हैं और ग्रोथ के लिए आवश्यक होते हैं।
पारगम्य ऊतक पदार्थों का परिवहन कैसे करता है?
hardAnswer: पारगम्य ऊतक, प्रतिक्रिया को नियंत्रित करके आवश्यक पोषक तत्व और जल का परिवहन सुनिश्चित करता है। यह प्रक्रिया विशेष कर कोशिका झिल्ली के माध्यम से होती है।
पौध संयोजन में ऊतक किस प्रकार मददगार होते हैं?
easyAnswer: ऊतक पौध संयोजन में संरचना व बल देते हैं, जिससे पौधों को स्थायित्व मिलता है और वे विविध जलवायु परिस्थितियों में जीवित रह सकते हैं।
अंतरकोशिका ऊतक के विशेष गुण बताएं।
easyAnswer: अंतरकोशिका ऊतक लचीला होता है और बीज और फल के विकास में सहायक होता है। यह संयोजी ऊतक के रूप में कार्य करके कोशिकाओं को संयोजित करता है।