Chapter 8: रामवृक्ष बेनीपुरी

Hindi - Kshitij • Class 10

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Chapter Analysis

Intermediate9 pages • Hindi

Quick Summary

रामवृक्ष बेनीपुरी द्वारा लिखित 'चंद्रग्रहण' निबंध समाज के अलग-अलग तबकों में व्याप्त अंधविश्वासों और उनकी क्षयी परिस्थितियों का वर्णन करता है। लेखक ने मूलतः ग्रामीण संस्कृति, उनकी भक्ति और धार्मिक आस्थाओं पर व्यंग्य करते हुए उनके सत्य स्वरूप को उजागर किया है। यह निबंध पाठकों को आत्म-निरीक्षण करने के लिए प्रेरित करता है और समाज में व्याप्त भ्रांतियों को समझकर उनसे उबरने की सीख देता है।

Key Topics

  • ग्रामीण जीवन
  • धार्मिक विश्वास
  • अंधविश्वास
  • व्यंग्यात्मक प्रस्तुतिकरण
  • समाज का सच
  • आत्म-निरीक्षण

Learning Objectives

  • समाज में व्याप्त भ्रांतियों को समझना
  • ग्रामीण जीवन की वास्तविकता से परिचित होना
  • धार्मिक आस्थाओं और अंधविश्वासों का विश्लेषण करना
  • समाज में आत्म-निरीक्षण की भावना विकसित करना

Questions in Chapter

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Additional Practice Questions

रामवृक्ष बेनीपुरी ने 'चंद्रग्रहण' निबंध में किस तरह ग्रामीण जीवन का चित्रण किया है?

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Answer: लेखक ने ग्रामीण जीवन में व्याप्त अंधविश्वास और धार्मिक आस्थाओं को खुलकर प्रस्तुत करते हुए समाज को आत्म-निरीक्षण करने को प्रेरित किया है।

चंद्रग्रहण के दौरान लेखक के मन के विचार कैसे बदलते हैं?

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Answer: लेखक चंद्रग्रहण को एक रहस्य के रूप में देखता है और अंततः इसे समाज की भ्रांतियों के प्रति जागरूकता का प्रतीक मानता है।

रामवृक्ष बेनीपुरी द्वारा उल्लिखित व्यंग्य का पाठकों पर क्या प्रभाव पड़ता है?

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Answer: व्यंग्य के माध्यम से पाठक समाज में व्याप्त आराधना और अंधश्रद्धा के पीछे के सत्य से परिचित होते हैं और स्वयं को इनसे मुक्त करने का प्रयास करते हैं।