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Chapter Analysis
Beginner8 pages • HindiQuick Summary
अव्यय शब्द संस्कृत भाषा में ऐसे शब्द हैं जो विभक्त, वचन या लिंग के अनुसार नहीं बदलते। इस अध्याय में अव्यय के प्रकार और उनके प्रयोग के उदाहरण दिए गए हैं। यह शब्द वाक्य में अर्थ को स्पष्ट करने और वाक्य संरचना को स्थिर रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इनका सही प्रयोग भाषा को अधिक सुसंगठित और प्रभावशाली बनाता है।
Key Topics
- •अव्यय की परिभाषा
- •अव्यय के प्रकार
- •अव्यय का महत्व
- •अव्यय का उपयोग
- •वाक्य में अव्यय का स्थान
Learning Objectives
- ✓छात्र अव्यय की परिभाषा को समझेंगे।
- ✓छात्र अव्यय के विभिन्न प्रकारों को पहचानेंगे।
- ✓छात्र अव्यय के प्रयोग का महत्व जानेंगे।
- ✓छात्र विभिन्न उदाहरणों द्वारा अव्यय के सही प्रयोग को सीखेंगे।
Questions in Chapter
समुच्चयितः अव्ययः (मंजूषायातः गृहीत्वा) रिक्तस्थानानि पूरयत—
Page 59
कोष्ठकयेषु भ्यः शुद्धम् अव्ययपदं निश्चय्य रिक्तस्थानानि पूरयत—
Page 60
Additional Practice Questions
अव्यय शब्द का परिभाषा दीजिए।
easyAnswer: संस्कृत में अव्यय ऐसे शब्द होते हैं जो विभक्ति, वचन और लिंग के अनुसार नहीं बदलते।
अव्यय शब्द का वाक्य में कैसे उपयोग होता है?
mediumAnswer: उदाहरण: अहं श्वः वाराणसीं गमिष्यामि। जिसमें 'श्वः' एक अव्यय है जो समय को निर्दिष्ट करता है।
अव्यय शब्दों के प्रमुख भेद क्या हैं?
hardAnswer: अव्यय के प्रमुख भेद हैं: समुच्चय बोधक, निपात, उपसर्ग, आदि।