Chapter 8: प्रत्यय

Sanskrit - Vyakaranavithi • Class 10

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Chapter Analysis

Intermediate36 pages • Hindi

Quick Summary

इस अध्याय में प्रत्यय की अवधारणा और भारतीय भाषा में उनके प्रयोग पर चर्चा की गई है। 'क्त्वा', 'तमुनु', 'यप' जैसे प्रत्ययों के माध्यम से धातुओं में किए गए परिवर्तन और उनसे संबंधित नियमों को विस्तार से समझाया गया है। यह अध्याय पाठकों को प्रत्ययों की संरचना, उनके प्रकार और उनके प्रयोग में सहायता करता है।

Key Topics

  • प्रत्यय की परिभाषा
  • क्त्वा प्रत्यय का प्रयोग
  • तमुनु प्रत्यय का प्रयोग
  • यप प्रत्यय और उसके उदाहरण
  • कृदन्त प्रत्ययों का उपयोग
  • अव्यय रूप वाले प्रत्यय

Learning Objectives

  • प्रत्यय की अवधारणा और उनके प्रकार को समझना
  • क्रियाओं के साथ प्रत्ययों के विविध प्रयोगों को जानना
  • संस्कृत व्याकरण में धातु परिवर्तन को समझना
  • प्रत्ययों के माध्यम से अर्थ विस्तार और व्याकरणिक शुद्धता को सुधारना

Questions in Chapter

प्र. 1. ठनम्नठिठखतप्र‍योगयान ्ध्यानयेन पठित््‍या सथूिपदयेिरु प्रकृठत-प्रत्‍यययानयंा ठ्‍भयागं करु रुत—

Page 96

प्र. 1. प्रत्‍य‍ंय स‍ंयरुज्‍य ठ्‍‍यरुज्‍य ््या ठिखत—

Page 66

प्र. 4. शरुद्धरूपं ठचत््‍या ठिखत—

Page 88

Additional Practice Questions

प्रत्ययों का प्रकार और उनकी विशेषताएँ क्या हैं?

medium

Answer: प्रत्यय के मुख्य प्रकार 'क्त्वा', 'तमुनु', 'यप' आदि हैं, जो धातु के साथ जुड़कर उनके अर्थ और प्रयोग में परिवर्तन करते हैं। प्रत्यय लगाने से वाक्य में क्रिया के काल, विधि आदि का परिवर्तन होता है।

'तमुनु' प्रत्यय का प्रयोग कैसे किया जाता है?

easy

Answer: धातु के साथ 'तमुनु' प्रत्यय जोड़ने पर क्रिया का उद्देश्य, जैसे करने की इच्छा, व्यक्त होता है। उदाहरण: 'हस + तमुनु = हस्तुम' जिसका अर्थ है 'हंसने के लिए इच्छुक'।

संज्ञा से 'अनीयर' प्रत्यय जोड़कर बनने वाले शब्द का क्या अर्थ होता है?

medium

Answer: 'अनीयर' प्रत्यय लगाकर प्रयोग में 'योग्य' या 'उपयुक्त' अर्थ देना होता है। जैसे 'व्रत + अनीयर = वर्तनीयर' जिसका अर्थ है 'धारण करने योग्य'।

अव्यय रूप में प्रयुक्त शब्दों के उदाहरण दीजिए।

hard

Answer: कुछ प्रत्यय जैसे 'यप', 'तमुनु' आदि अव्यय रूप में प्रयोग होते हैं। उदाहरण: 'प्रणम्य', 'हसतु'।

कृदन्त प्रत्ययों के उदाहरण दीजिए।

medium

Answer: कृदन्त प्रत्यय वाले शब्द धातुओं में परिवर्तन कर संज्ञा या विशेषण बनाते हैं। जैसे 'गम + क्त' = 'गत'।