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Chapter Analysis
Advanced36 pages • HindiQuick Summary
इस अध्याय में प्रतिलोम त्रिकोणमितिय फलनों की परिभाषा, उनके ग्राफ़, और विभिन्न गुणधर्मों का अध्यान किया गया है। यह फलन मंजुशा त्रिकोणमितिय फलनों के प्रतिलोम होते हैं और उनके समीकरण त्रिकोण से व्युत्पन्न होते हैं। छात्रों को इन प्रतिलोम फलनों के अनुप्रयोगों की समझ विकसित करनी है।
Key Topics
- •प्रतिलोम त्रिकोणमितिय फलन
- •ग्राफ रेखांकन
- •मुख्य मान
- •प्रतिबिंब समीकरण
- •त्रिकोणमितिय समीकरणों का उल्टा
- •समाधान और अनुप्रयोग
Learning Objectives
- ✓प्रतिलोम त्रिकोणमितिय फलनों की परिभाषा समझना
- ✓इनके ग्राफों को खींचना सीखना
- ✓त्रिकोणमितिय समीकरण को उल्टा करना
- ✓मुख्य मान चुनने की क्षमता विकसित करना
- ✓विभिन्न त्रिकोणमितिय प्रतिलोम फलनों को पहचानना
Questions in Chapter
sin⁻¹(−1/2) का मान ज्ञात करें।
Answer: sin⁻¹(−1/2) = −π/6
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cos⁻¹(3/2) का मान क्या होगा?
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cosec⁻¹(2) का मान ज्ञात करें।
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tan⁻¹(√3) का मान ज्ञात करें।
Answer: tan⁻¹(√3) = π/3
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Additional Practice Questions
यदि y = sin⁻¹(x) है, तो x का मान ज्ञात करें।
mediumAnswer: x = sin(y)
cos⁻¹(x) का ग्राफ कैसे खींचा जा सकता है?
hardAnswer: cos⁻¹(x) का ग्राफ वही होगा जो [0, π] के अंतराल में cos(x) का प्रतिबिंब है।
tan⁻¹(x) के ग्राफ की मुख्य शाखा को परिभाषित करें।
mediumAnswer: tan⁻¹(x) की मुख्य शाखा [-π/2, π/2] होती है।
cot⁻¹(x) के लिए प्रमुख मूल्यों के रूप में कौन-कौन से मान लिए जाते हैं?
mediumAnswer: cot⁻¹(x) के लिए प्रमुख मान 0 और π के बीच होते हैं।
sec⁻¹(x) का उपयोग कहाँ किया जाता है?
hardAnswer: sec⁻¹(x) का उपयोग तब होता है जब x का मान 1 या -1 से बड़ा होता है और यह [0, π] के अंतर में होता है।