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Chapter Analysis
Advanced20 pages • HindiQuick Summary
यह अध्याय 1970 के दशक में भारत में लोकतांत्रिक व्यवस्था के संकट पर केंद्रित है। इसमें राजनीतिक अस्थिरता, विपक्षी दलों का संघर्ष, और जन आंदोलन के उभार पर चर्चा है। 1975 में आपातकाल की घोषणा और इसके राजनीतिक प्रभावों का विशेष रूप से विश्लेषण किया गया है। यह अध्याय विभिन्न राजनीतिक और सामाजिक चुनौतियों की चर्चा करता है, जिन्होंने भारतीय लोकतंत्र को चुनौती दी।
Key Topics
- •आपातकाल की घोषणा
- •लोकतांत्रिक अधिकारों पर प्रभाव
- •राजनीति में विपक्ष की भूमिका
- •आपातकाल के बाद के चुनाव
- •सामाजिक आंदोलनों का उभार
- •राजनीतिक अस्थिरता के कारण
- •विधायी और न्यायिक चुनौतियाँ
- •राजनीतिक दलों के बीच संघर्ष
Learning Objectives
- ✓आपातकाल के कारणों का विश्लेषण करना
- ✓लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं पर आपातकालीन नीतियों का प्रभाव समझना
- ✓विपक्षी दलों की भूमिकाओं की समीक्षा करना
- ✓आपातकाल के बाद के बदलावों का अध्ययन करना
- ✓राजनैतिक और सामाजिक आंदोलनों का महत्व जानना
- ✓भारतीय राजनीति में दीर्घकालिक बदलावों की पहचान करना
Questions in Chapter
1975 में राष्ट्रीय आपातकाल की घोषणा करते हुए सरकार ने इसके क्या कारण बताए?
Page 105
1977 के चुनावों के बाद पहले गैर-कांग्रेसी सरकार का गठन कैसे संभव हुआ?
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आपातकाल के दौरान हमारी लोकतांत्रिक व्यवस्था पर क्या प्रभाव पड़ा?
Page 107
Additional Practice Questions
1975 के आपातकाल की घोषणा के पीछे मुख्य राजनीतिक कारण क्या थे?
mediumAnswer: आपातकाल की घोषणा का मुख्य कारण था राजनीतिक अस्थिरता, विपक्षी दलों का बढ़ता दबाव और बढ़ती सामाजिक अशांति। इसके साथ ही, न्यायपालिका द्वारा किए गए सरकार विरोधी फैसले भी इसका एक कारण थे।
आपातकाल लागू करने का भारत के लोकतंत्र पर क्या दीर्घकालिक प्रभाव पड़ा?
hardAnswer: आपातकाल ने भारत के लोकतंत्र में एक गहरी छाप छोड़ी। इससे नागरिक अधिकारों और प्रेस की स्वतंत्रता पर प्रतिबंध लगाए गए, जो बाद में सरकार के लिए एक सबक साबित हुआ कि लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं की अनदेखी नहीं की जा सकती।
आपातकाल के बाद भारतीय जनता ने चुनावों में क्या संदेश दिया?
mediumAnswer: आपातकाल के बाद, जनता ने 1977 के आम चुनावों में कांग्रेस पार्टी को हराकर एक मजबूत संदेश दिया कि वे लोकतांत्रिक मूल्यों का सम्मान करते हैं और तानाशाही शासन के खिलाफ हैं।
1975 के आपातकाल के दौरान विपक्षी नेताओं की क्या भूमिका रही?
mediumAnswer: आपातकाल के दौरान विपक्षी नेता जेल में बंद कर दिए गए थे, लेकिन उनके समर्थकों ने आंदोलन जारी रखा, जिसमें नागरिक स्वतंत्रता के लिए लड़ाई शामिल थी।
1970 के दशक के भारतीय राजनीतिक परिदृश्य में विपक्ष की क्या चुनौतियाँ थीं?
hardAnswer: 1970 के दशक में विपक्ष को सरकारी दमन का सामना करना पड़ा, जिसमें नेताओं की गिरफ़्तारियाँ शामिल थीं और मीडिया को नियंत्रित करने का प्रयास किया गया। लेकिन इस दमन के बावजूद, विपक्ष ने अपना संघर्ष जारी रखा।