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Chapter Analysis
Intermediate6 pages • HindiQuick Summary
इस अध्याय में भारतीय राजनीति में हुए प्रमुख बदलावों और उनके कारणों का विवरण दिया गया है। इसे 1989 के बाद भारतीय राजनीति के विभिन्न पहलुओं और गठबंधन राजनीति को समझाने पर केंद्रित किया गया है। वर्ग संघर्ष, जातीयता, धार्मिक पहचान और संसाधनों के विभाजन से जुड़े मुद्दों पर भी चर्चा की गई है। इसने हाल के वर्षों में सत्ता समीकरणों के बदलाव को भी रेखांकित किया है।
Key Topics
- •भारतीय राजनीतिक व्यवस्था में बदलाव
- •गठबंधन सरकारों का उदय
- •जातिगत और धार्मिक राजनीति
- •विकास और आर्थिक सुधार
- •धर्मनिरपेक्षता का महत्व
- •नेहरूवादी मॉडल की चुनौतियां
Learning Objectives
- ✓भारतीय राजनीति के नई रणनीतियों को समझना
- ✓गठबंधन राजनीति के फायदे व नुकसानों की पहचान करना
- ✓जातिगत राजनीति के समाज पर प्रभाव का विश्लेषण करना
- ✓आर्थिक सुधारों के कारणों और प्रभावों का अध्ययन करना
- ✓धर्मनिरपेक्षता के सिद्धांत और इसके महत्व को समझना
Questions in Chapter
भारत की नए राजनीति ने कौन-कौन सी चुनौतियों का सामना किया है?
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1991 में भारतीय राजनीति में किस प्रकार का बदलाव आया?
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गठबंधन सरकारों के उदय के पीछे मुख्य कारण क्या हो सकते हैं?
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क्या विविधता में एकता भारतीय राजनीति की ताकत है?
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नेहरूवादी मॉडल की क्या प्रासंगिकता है?
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Additional Practice Questions
भारतीय राजनीति में गठबंधन सरकारों का क्या प्रभाव हुआ है?
mediumAnswer: गठबंधन सरकारों ने निर्णय लेने की प्रक्रिया को जटिल बना दिया है लेकिन साथ ही विभिन्न सामाजिक और राजनीतिक समूहों को प्रतिनिधित्व देने में मदद की है।
जातिगत राजनीति भारतीय लोकतंत्र को किस प्रकार प्रभावित करती है?
hardAnswer: जातिगत राजनीति ने सामाजिक न्याय और समरसता के मुद्दों को उठाकर लोकतंत्र को प्रगतिशील बनाने में मदद की है, लेकिन कभी-कभी यह विभाजन और तनाव भी पैदा करती है।
धर्मनिरपेक्षता भारतीय संविधान का एक मुख्य सिद्धांत क्यों है?
easyAnswer: धर्मनिरपेक्षता यह सुनिश्चित करती है कि सभी धर्मों के लोग समानता और स्वतंत्रता के साथ सम्मिलित हों, जो एक विविधतापूर्ण समाज के विकास के लिए आवश्यक है।
क्या आप समझते हैं कि 1991 में अर्थव्यवस्था के उदारीकरण का भारतीय राजनीति पर गहरा प्रभाव पड़ा?
mediumAnswer: 1991 में अर्थव्यवस्था के उदारीकरण ने राजनीतिक दलों के एजेंडे को अधिक व्यापार और विकास केंद्रित बना दिया, जिससे नए राजनीतिक गठजोड़ और नीतिगत बदलाव हुए।
बाबरी मस्जिद विध्वंस ने भारतीय राजनीति को कैसे प्रभावित किया?
hardAnswer: बाबरी मस्जिद विध्वंस के बाद धार्मिक ध्रुवीकरण तीव्र हुआ जिससे राजनीतिक लाभ के लिए सांप्रदायिक कार्ड का अधिक उपयोग होने लगा, इसने समाज में विभाजन को और गहरा कर दिया।