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Chapter Analysis
Intermediate14 pages • HindiQuick Summary
इस अध्याय में बाज़ार को एक सामाजिक संस्था के रूप में समझाया गया है, जहाँ बाज़ार न केवल आर्थिक क्रियाकलाप होते हैं बल्कि यह सांस्कृतिक और सामाजिक दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण है। यहाँ यह बताया गया है कि बाज़ार कैसे सामाजिक समूहों और आर्थिक संरचनाओं के विशेष रूप से जुड़ा हुआ है। बाज़ार और पूंजीवाद के संदर्भ में विचार-विमर्श किया गया है, और इसे आधुनिक समाजशास्त्र में किस प्रकार देखा जाता है।
Key Topics
- •बाज़ार का सामाजिक दृष्टिकोण
- •पूंजीवाद का समाजशास्त्रीय विश्लेषण
- •भूमंडलीकरण और बाज़ार
- •सांस्कृतिक आदान-प्रदान के केंद्र के रूप में बाज़ार
- •आर्थिक और सामाजिक संरचनाएँ
- •विज्ञापनों का सामाजिक प्रभाव
Learning Objectives
- ✓बाज़ार को सामाजिक संस्था के रूप में समझना
- ✓बाज़ारों में सांस्कृतिक और सामाजिक कारकों का विश्लेषण करना
- ✓पूंजीवाद के सामाजिक परिणामों का मूल्यांकन करना
- ✓भूमंडलीकरण के प्रभाव को समझना
- ✓विज्ञापनों के सामाजिक और सांस्कृतिक प्रभावों का विश्लेषण करना
Questions in Chapter
‘अदृश्य हाथ’ का क्या तात्पर्य है?
Page 71
विज्ञापनों की व्याख्या करें।
Page 73
समाजशास्त्री बाज़ारों के अध्ययन में क्या योगदान कर सकते हैं?
Page 63
Additional Practice Questions
बाज़ार के सामाजिक और सांस्कृतिक आयाम कौन-कौन से हैं?
mediumAnswer: बाज़ार का सामाजिक और सांस्कृतिक आयाम यह दर्शाता है कि किस तरह से एक बाज़ार सिर्फ व्यापार का स्थान होने के साथ-साथ सांस्कृतिक प्रतीकों के आदान-प्रदान का केंद्र भी होता है। उदाहण के लिए, मेलों में धार्मिक प्रतीकों की अदला-बदली होती है।
कैसे भूमंडलीकरण ने बाज़ारों की संरचना को बदल दिया है?
hardAnswer: भूमंडलीकरण ने वैश्विक स्तर पर बाज़ारों के एकीकरण को बढ़ावा दिया है जिससे स्थानीय और अंतर्राष्ट्रीय व्यापार के बीच अधिक सहयोग संभव हुआ है। यह सांस्कृतिक उत्पादों और सेवाओं के विश्वव्यापी प्रसार में भी सहायक है।
क्या बाज़ार सिर्फ आर्थिक गतिविधियों का स्थान है?
easyAnswer: नहीं, बाज़ार सिर्फ आर्थिक गतिविधियों का स्थान नहीं है, यह सामाजिक संपर्क और सांस्कृतिक आदान-प्रदान का भी स्थान है।
विज्ञापनों के माध्यम से सामाजिक व्यवहारों का किस प्रकार चित्रण किया जाता है?
mediumAnswer: विज्ञापनों के माध्यम से सामाजिक व्यवहारों को प्रभावित करने की कोशिश की जाती है। वे किसी उत्पाद को विशेष जीवनशैली और सामाजिक प्रवृत्तियों से जोड़ते हैं।