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Chapter Analysis
Intermediate27 pages • HindiQuick Summary
इस अध्याय में, हम संख्या पद्धति का अध्ययन करते हैं जिसमें मुख्य रूप से पूर्णांक, प्राकृतिक संख्याएँ, और उनके गुण जैसे कि जोड़, घटाव, गुणा और भाग के नियम शामिल हैं। हम यह भी सीखते हैं कि कैसे विभिन्न प्रकार की संख्याओं को एक संख्या रेखा पर दर्शाया जाता है। इसके अलावा, अनुक्रमिक और अनियमित दशमलव विस्तारों के साथ परिमेय और अपरिमेय संख्याओं के बीच के अंतर को समझाया गया है।
Key Topics
- •संख्या रेखा
- •पूर्णांक और प्राकृतिक संख्या
- •परिमेय और अपरिमेय संख्याएँ
- •गुणा और भाग के नियम
- •संख्या पद्धति का अनुप्रयोग
- •दशमलव विस्तार
Learning Objectives
- ✓संख्या रेखा पर संख्याओं को सम्मिलित करना।
- ✓परिमेय और अपरिमेय संख्याओं का भेद करना।
- ✓संख्या के विवाहिक गुण को पहचानना।
- ✓गुणा और भाग के सेवाओं का उपयोग करना।
Questions in Chapter
कौन-कौन सी संख्याएँ परिमेय हैं और कौन-कौन सी अपरिमेय हैं: (i) 23 (ii) 225 (iii) 0.3796 (iv) 7.478478... (v) 1.101001000100001...
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73 . 93 = 633 के लिए आपने निम्नलिखित नियमों का उपयोग करते हुए प्राप्त किया: (i) अप, यति : "किस संख्याओं में प्रकारान्तर संभव है जहाँ परिमेय और अपरिमेय होते हैं?
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Additional Practice Questions
यदि π एक अपरिमेय संख्या है, तो p का मान क्या होगा यदि 2π = p?
mediumAnswer: π अपरिमेय है, अतः कोई सरल p नहीं होगा जिससे यह समीकरण पूरी तरह से साबित हो सके।
दो परिमेय संख्याओं में अंतर हमेशा परिमेय होता है, सत्य या असत्य?
easyAnswer: सत्य, क्योंकि परिमेय संख्याओं के गुण LCM और HCF से विभाज्य होते हैं।
‘π’ का उपयोग किस वास्तविक संख्या के लिए किया जाता है?
easyAnswer: π का प्रयोग वृत्त की परिधि और उसकी व्यास के अनुपात के लिए किया जाता है।
अपरिमेय संख्या की एक उदाहरण दीजिए जो दशमलव में सटीकता के साथ नहीं लिखी जा सकती है।
mediumAnswer: √2 अपरिमेय संख्या का एक उदाहरण है जो दशमलव के रूप में निरंतरता के साथ नहीं लिखी जा सकती।
विवरण करें कि संख्या पद्धति में 'संख्या रेखा' का क्या महत्व है।
mediumAnswer: संख्या रेखा का प्रयोग संख्याओं के तुलनात्मक स्थान और अनुक्रम को दर्शाने के लिए किया जाता है।