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Chapter Analysis
Intermediate4 pages • HindiQuick Summary
इस अध्याय में धातुरूपों के प्रयोग तथा संस्कृत भाषा में उनका महत्व दृष्टिगत किया गया है। धातुरूपों के विभिन्न लकारों में प्रयोग और उनके विविध रूपों की व्याख्या की गई है। यह अध्याय पाठकों को धातुरूपों के माध्यम से संस्कृत व्याकरण के बुनियादी सिद्धांतों की जानकारी प्रदान करता है।
Key Topics
- •संस्कृत धातुरूपों का महत्व
- •धातुरूपों के प्रकार
- •लकारों में धातुरूपों का प्रयोग
- •संस्कृत व्याकरण के सिद्धांत
- •धातु रूपों की व्याख्या
Learning Objectives
- ✓धातुरूपों का सही प्रयोग समझना
- ✓विभिन्न लकार और उनके अनुप्रयोग का ज्ञान प्राप्त करना
- ✓संस्कृत व्याकरण संबंधी मूल अवधारणाओं का अध्ययन करना
- ✓धातु रूपों की विभिन्नता और उनकी संरचना की जानकारी प्राप्त करना
Questions in Chapter
जनया: तुकेिं स््श्रूभयाष्त्रेि तस्या: ....................................
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उवचत-धातुरूपेण ररक्त्थानावन पूरयत —
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Additional Practice Questions
वर्तमान लकार में 'पठ्' धातु के रूप दिखाएँ।
easyAnswer: एकवचन: पठति, द्विवचन: पठतः, बहुवचन: पठन्ति
भूतकाल में 'गम' धातु के रूप लिखें।
mediumAnswer: एकवचन: अगमत्, द्विवचन: अगमताम्, बहुवचन: अगमन्
लोट् लकार में 'लिख्' धातु के रूप दर्शाओ।
hardAnswer: एकवचन: लिखतु, द्विवचन: लिखताम्, बहुवचन: लिखन्तु
संस्कृत में 'धाव' धातु का भव्यार्थ में प्रयोग कैसे होता है?
mediumAnswer: संस्कृत में 'धाव' धातु का भव्यार्थ में प्रयोग करने के लिए 'धावयेत' का उपयोग किया जाता है।
लङ् लकार में 'क्रीड्' धातु के रूप बताएँ।
mediumAnswer: एकवचन: अक्रीडत्, द्विवचन: अक्रीडताम्, बहुवचन: अक्रीडन्